विदेश की एक सड़क पर जब एक हट्टा-कट्टा अजनबी हमदोनों पति-पत्नी की ओर आया, तो हम भय के मारे पीछे हट गए। हमारी छुट्टियाँ बहुत ही बुरी बीत रही थीं; हम पर चिल्लाया गया था, हमारे साथ धोखेबाज़ी हुई थी और अनेक बार ज़बरदस्ती हमारी चीज़ें छीन ली गई थीं। क्या हमें अब दुबारा कोई झटका मिलने वाला था? हम आश्चर्यचकित हुए, कि वह तो हमें बस यह दिखाना चाहता था कि कहाँ से उसके नगर का सर्वोत्तम अवलोकन हो सकता था l उसके बाद उसने हमें एक चॉकलेट दी, मुस्कुराया और चला गया। उस छोटी सी घटना ने हमारे दिन को खुशनुमा बना दिया-और जैसे कि पूरी सैर को ही अच्छा बना दिया। इस घटना ने हमें परमेश्वर और उस व्यक्ति, दोनों का कृतज्ञ बना दिया।

उस व्यक्ति को हम दो अजनबियों तक पहुँचने के लिए किसने बाध्य किया था? क्या वह सारा दिन उस चॉकलेट के साथ किसी को खुश करने के लिए घूमता रहा था?

यह एक अद्भुत सी बात है कि एक छोटा सा काम बहुत बड़ी मुस्कुराहट ला सकता है-या शायद किसी का परमेश्वर की ओर मार्गदर्शन कर सकता है। बाइबल भले काम करने के महत्व पर बल देती है (याकूब 2:17,24) । यदि वह चुनौतीपूर्ण लगता है, तो हमारे पास यह आश्वासन है कि परमेश्वर हमें न केवल ये कार्य करने के योग्य बनाता है, परन्तु उन्हें “पहले से ही हमारे करने के लिए तैयार किया है (इफिसियों 2:10)।

शायद परमेश्वर ने हमारा किसी से “टकराने” का प्रबन्ध किया हो, कोई ऐसा व्यक्ति जिसे प्रोत्साहन के एक शब्द की ज़रूरत हो या उसने हमें आज किसी की सहायता करने का सुअवसर प्रदान किया हो। हमें तो बस आज्ञाकारिता में जवाब देना है।