दस वर्ष की विओला को एक पेड़ की शाखा को एक माइक्रोफोन की तरह इस्तेमाल करके एक प्रचारक की नक्ल करते हुए देखने के बाद, मिशेल ने विओला को एक गाँव में प्रचार के दौरान “प्रचार करने” का मौका देने का निर्णय किया। विओला ने स्वीकार कर लिया। दक्षिण सूडान में एक मिशनरी, मिशेल ने लिखा, “भीड़ भावविभोर हो गई…एक छोटी बच्ची जिसे छोड़ दिया गया था, उनके सामने राजाओं के राजा की बेटी के रूप में अधिकार के साथ खड़ी हुई और सामर्थ के साथ परमेश्वर के राज्य के बारे में बताया। आधी भीड़ यीशु को स्वीकार करने के लिए आगे आई” (मिशेल पैरी, लव हैज़ ए फेस ) ।

उस दिन उस भीड़ ने एक बच्चे को प्रचार करते हुए सुनने की आशा नहीं की थी। यह घटना मन में एक ही वाक्य ले कर आती है, “बच्चों और दूध पिउवों के मुँह से” जो भजन संहिता 8 में पाया जाता है दाऊद ने लिखा, “तू ने अपने बैरियों के कारण बच्‍चों और दूध पिउवों के द्वारा सामर्थ्य की नींव डाली है, ताकि तू शत्रु और पलटा लेनेवालों को रोक रखे” (पद 2)। बाद में मत्ती 21:16 में यीशु ने इस पद का सन्दर्भ दिया, जब महायाजकों और शास्त्रियों ने यरूशालेम के मन्दिर में बच्चों के यीशु की प्रशंसा करने की आलोचना की। इन अगुवों के लिए बच्चे एक सरदर्द थे। इस पवित्रशास्त्र के अंश का सन्दर्भ देने के द्वारा यीशु ने दर्शाया कि परमेश्वर ने इन बच्चों की प्रशंसा को गम्भीरता से लिया। उन्होंने वही किया जो वे अगुवे करने के लिए अनिच्छुक थे: इच्छित मसीह को महिमा देना। 

 जैसे विओला और मन्दिर के बच्चों ने दर्शाया, परमेश्वर एक बच्चे को भी अपनी महिमा करवाले के लिए इस्तेमाल कर सकता है। उनके इच्छित हृदयों से प्रशंसा का एक झरना बह निकला।