1995 में यूएस के स्टॉक मार्किट के निवेशकों ने सबसे अधिक प्रतिलाभ प्राप्त किया-अपने डॉलरों पर औसतन 37.6 प्रतिशत का जबरदस्त प्रतिलाभ। फिर 2008 में उसी प्रकार उन्होंने लगभग सबकुछ खो दिया : नकारात्मक रूप से 37.0 प्रतिशत। बीच के वर्षों में भिन्न प्रतिलाभ प्राप्त हुआ था, जो उन लोगों को आश्चर्य में डाल रहा था-कई बार तो भयभीत-कि उनके निवेश का क्या होगा।  

यीशु ने अपने अनुयायियों को आश्वासन दिया कि उनमें अपने जीवनों का निवेश करने पर उन्हें अतुलनीय प्रतिलाभ प्राप्त होगा। उन्होंने “उसके पीछे चलने के लिए सबकुछ छोड़ दिया”-अपने घर, नौकरियाँ, औहदा और परिवारों को अपने जीवन का निवेश करने के लिए छोड़ दिया (पद 28)। परन्तु उनकी चिन्ता बढ़ गई कि उनका निवेश अच्छा प्रतिलाभ प्रदान नहीं करेगा, जब उन्होंने एक धनी मनुष्य पर सांसारिक बन्धनों की जकड़ से संघर्ष करते हुए देखा। (हालाँकि)यीशु ने उत्तर दिया, कि जो कोई उसके लिए त्यागने का इच्छुक है वह “वर्तमान समय में ही सौ गुणा प्राप्त करेगा. . . और आने वाले समय में अनन्त जीवन” (पद 30) । वह एक बहुत ही उत्तम प्रतिलाभ था जो कोई स्टॉक मार्किट कभी भी प्रदान नहीं सकती।   

हमें अपने आत्मिक निवेश-परमेश्वर के साथ- की “ब्याज की दर” के बारे में कभी चिन्ता नहीं करनी चाहिए, यह एक अतुलनीय आश्वासन है। पैसे के साथ हमारा लक्ष्य हमारे निवेश से अपने आर्थिक लाभ को अधिकत्तम करना होता है। परमेश्वर से हमें जो प्राप्त होता है, उसे डॉलर और सेंट्स में नापा नहीं जा सकता, परन्तु उसे जानने से जो आनन्द आता है और उस आनन्द को दूसरों के साथ बाँटना अभी और सर्वदा का होता है!