जैसे ही नीदरलैंड में शत्रु का कब्ज़ा बढ़ा, एन्नी फ्रैंक और उनके परिवार ने साहसिक रूप से तैयारी की और खतरे से बचने के लिए छिपने के एक गुप्त स्थान पर चले गए। विश्व युद्ध II के दौरान पकड़े जाने और बन्दी-शिविर में भेज दिए जाने से पहले वे दो वर्ष तक वहाँ रहे। फिर भी एन्नी का लिखा हुआ डायरी ऑफ ए यंग गर्ल जो बहुत ही प्रसिद्ध हो गया, उसमें उन्होंने कहा: “लम्बे समय टिके रहने के लिए सबसे धारदार हथियार नम्र और शान्त आत्मा है।”

जब हम वास्तविक जीवन की बात करते हैं तो नम्रता एक जटिल मुद्दा हो सकता है।

यशायाह 40 में हम परमेश्वर की एक तस्वीर को देखते हैं जो उन्हें नम्र और सामर्थी दिखाती है। पद 11 में हम पढ़ते हैं : “वह चरवाहे के समान अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्‍चों को अँकवार में लिए रहेगा।” परन्तु यह इस पद के बाद आता है: “देखो, प्रभु यहोवा सामर्थ्य दिखाता हुआ आ रहा है, वह अपने भुजबल से प्रभुता करेगा” (पद 10)। सामर्थ से भरा हुआ, परन्तु जब दुर्बलों की सुरक्षा की बात आती है तो नम्र।    

और यीशु का विचार करें, जिसने एक कोड़ा बनाया और मंदिर में जब उन्होंने सराफों की चौकियाँ उलट दीं तो इसे चारों और घुमाया, परन्तु उन्हीं ने नम्रता के साथ बच्चों की देखभाल की। उन्होंने फरीसियों को धमकाने  के लिए कड़े शब्दों का प्रयोग किया (मत्ती 23) परन्तु उस महिला को क्षमा कर दिया जिसे उनकी दया की आवश्यकता थी (यूहन्ना 8:1-11) ।

ऐसे कुछ समय भी हो सकते हैं जब आपको दुर्बलों को न्याय दिलवाने के लिए अन्य लोगों को चुनौती देनी पड़े- “परन्तु हमें सभी को अपनी नम्रता का प्रमाण भी अवश्य देना है” (फिलिप्पियों 4:5) । जब हम परमेश्वर की सेवा करते हैं, तो कई बार हमारी सबसे बड़ी ताकत जरूरतमन्दों के लिए हमारे नम्र हृदय को प्रदर्शित करती है।