व्यवसायिक जगत में काम करने ने मुझे अनेक प्रतिभावान और ऊँचे स्तर के लोगों (के) साथ बात करने का अवसर प्रदान किया। परन्तु शहर से बाहर एक निरीक्षक की अगुवाई में किया गया एक कार्य एक अपवाद था। समूह की प्रगति पर ध्यान दिए बिना यह प्रबन्धक कठोरता के साथ हमारे काम की आलोचना करता था और हर सप्ताह काम का ब्यौरा लेने के लिए किए गए फोन पर और काम करने की माँग करता था। इस प्रकार बीच में आ जाने से मैं निरुत्साहित और भयभीत हो गई थी। मैं काम छोड़ देना चाहती थी।

सम्भव है कि मूसा ने भी उसके काम को छोड़ देने का अनुभव किया होगा, जब अन्धियारे की महामारी के दौरान उसका सामना फिरौन से हुआ था। परमेश्वर ने मिस्र में आठ अन्य भयावह महामारियाँ भेजी और अंततः फिरौन चिल्ला उठा, मेरे सामने से चला जा; और सचेत रह; मुझे अपना मुख फिर न दिखाना; क्योंकि जिस दिन तू मुझे मुँह दिखाए उसी दिन तू मारा जाएगा।” (निर्गमन 10:28)।

इस खतरे के बावजूद भी मूसा को परमेश्वर के द्वारा इस्राएलियों को फिरौन के नियन्त्रण से आज़ाद करवाने के लिए इस्तेमाल किया गया। “विश्‍वास ही से राजा के क्रोध से न डरकर उसने मिस्र को छोड़ दिया, क्योंकि वह अनदेखे को मानो देखता हुआ दृढ़ रहा।”(इब्रानियों 11:27)। मूसा ने फिरौन पर यह विश्वास करने के द्वारा जय प्राप्त कर ली कि परमेश्वर छुड़ाने की अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करेगा। (निर्गमन 3:17).

आज, हम परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर निर्भर हो सकते हैं कि वह हर परिस्थिति में हमारे साथ है और वह अपने पवित्र आत्मा से हमारी सहायता कर रहा है। वह हमें दिव्य सामर्थ, प्रेम, और आत्म नियन्त्रण प्रदान (2 तीमुथियुस 1:7) करने के द्वारा हमें धमकी के दबाव का विरोध करने और इस पर गलत प्रतिक्रिया करने में सहायता करता है। हमारे जीवनों में बढ़ते रहने और परमेश्वर की अगुवाई का पालन करने के लिए आत्मा वह साहस प्रदान करता है, जिसकी हमें आवश्यकता है।