Month: मार्च 2019

चुनाव के द्वारा बेघर

1989 से प्रति वर्ष कीथ वेसमैन कुछ दिनों के लिए बेघर होने का चुनाव करते हैं। गुड वर्क्स (Good Works, Inc.) के कार्यकारी निदेशक कीथ कहते हैं उन लोगों के प्रति “मेरे दृष्टिकोण और समझ को विस्तृत करने के लिए मैं गलियों में जा कर वहाँ रहता हूँ” जिनके पास घर नहीं होता है।

मैं सोच रही हूँ कि कीथ का उन लोगों तक पहुँचना, जिनकी वह सेवा कर रहे हैं, उस बात की एक लघु तस्वीर हो सकती है, जो यीशु ने हमारे लिए किया। आकाशमण्डल के सृष्टिकर्ता परमेश्वर ने स्वयं एक असहाय बच्चे के रूप में आने, एक मनुष्य के रूप में जीने, उस हर बात को अनुभव करने, जो हम अनुभव करते हैं, और अंततः मनुष्यों के हाथों मर जाने का चुनाव किया ताकि हम परमेश्वर के साथ सम्बन्ध स्थापित कर सकें। 

इब्रानियों की पुस्तक के लेखक ने लिखा कि यीशु “आप भी उनके समान उनका सहभागी हो गया, ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्‍ति मिली थी, अर्थात् शैतान को निकम्मा कर दे” (2:14) । यीशु को स्वर्गदूतों से भी निम्न कर दिया गया, यद्यपि वह उनका भी सृष्टिकर्ता है (पद 9) । वह मनुष्य बना और मारा गया, यद्यपि वह अनश्वर है। उसने हमारे लिए दुःख उठाया, यद्यपि वह सर्वसामर्थी परमेश्वर है। उसने ऐसा क्यों किया? ताकि वह हमारी सहायता कर सके जब हम परीक्षाओं का सामना करें और वह परमेश्वर के साथ हमारा पुनर्मेल करवा दे (पद-17-18) ।

परमेश्वर करे कि हम आज ही उसके प्रेम को अनुभव करें और इस बात को जान लें कि वह हमारी मानवता को समझता है और उसने हमें हमारे पापों से शुद्ध होने के लिए एक मार्ग उपलब्ध करवा दिया है।

देरी की आशा रखें

क्या तुम मजाक(कर) रहे हो? मुझे पहले ही देर हो गई थी। परन्तु मेरे सामने रोड पर लगे दोनों संकेत मुझे मेरी आशाओं को कम करने का निर्देश दे रहे थे: ये बता रहे थे “देरी हो सकती है। यातायात धीमा हो रहा था।

मुझे हँसी आ गई। मैं चीज़ों को मेरी समय-सारणी के अनुसार होने की आशा करता हूँ; परन्तु मैं सड़क-निर्माण की ओर ध्यान नहीं देता।

आत्मिक स्तर पर हम में से कुछ लोग उन समस्याओं के लिए योजना बनाते हैं, जो हमारे जीवन की रफ़्तार को धीमा कर देती हैं या हमारे जीवन की दिशा को बदल देती हैं। फिर भी, यदि मैं इसके बारे में सोचता हूँ, तो मैं उन अनेक समयों को याद कर सकता हूँ जब परिस्थितियों ने-छोटे या बड़े रूप में-मेरी दिशा को बदल दिया। देरियाँ होती हैं।

सुलेमान ने आगे एक संकेत नहीं देखा “देरी हो सकती है।” परन्तु नीतिवचन 16 में वह परमेश्वर की उपलब्ध होने वाले मार्गदर्शन के साथ हमारी योजनाओं की तुलना करता है। पद 1 का सन्देश कुछ इस प्रकार से है: “मनुष्य बड़ी-बड़ी योजनाएँ बनाता है, परन्तु अन्तिम निर्णय परमेश्वर का ही होता है।” सुलेमान इसी विचार को पद 9 में फिर से बताता है, जिसमें वह यह भी सम्मिलित करता है कि यद्यपि हम “अपने जाने वाले मार्ग की योजनाएँ बनाते हैं...परमेश्वर हमारे कदमों को निर्धारित करता है।” अन्य शब्दों में, हमारे पास तो मात्र विचार होते हैं कि क्या हो सकता है, परन्तु कई बार परमेश्वर का हमारे लिए दूसरा मार्ग होता है।

मैं आत्मिक सत्य के इस मार्ग से कैसे भटक जाता हूँ? मैं योजनाएँ बनाता हूँ, और कईबार उनसे पूछना भूल जाता हूँ कि उनकी योजनाएँ क्या हैं? मैं परेशान हो जाता हूँ जब बीच में बाधाएँ आती हैं।

परन्तु चिन्ता करने के स्थान पर हम, जैसा सुलेमान सिखाता है, इस बात पर भरोसा रख सकते हैं कि परमेश्वर कदम-दर-कदम हमारा मार्गदर्शन करता है, जब हम प्रार्थना के साथ उन्हें खोजते हैं, उनकी अगुवाई की प्रतीक्षा करते हैं और-हाँ-उन्हें लगातार हमारा मार्गदर्शन करने देते हैं।

मिटा दिया है

जब उन्होंने पेन्सिल के लिखे हुए को मिटाने वाले (रबर) का आविष्कार किया, ब्रिटिश इंजीनियर एडवर्ड नैर्न इसकी जगह रोटी के टुकड़े को खोज रहे थे। 1770 में रोटी के टुकड़े पेपर पर लिखे हुए को मिटाने के लिए प्रयोग किए जाते थे। गलती से रबड़ के टुकड़े को उठा लेने से नैर्न ने देखा कि इसने रबड़ के छोटे टुकड़े छोड़ते हुए उनकी गलती को मिटा दिया था और उन रबड़ के टुकड़ों को भी हाथ से आसानी से साफ़ किया जा सकता था।

हमारे जीवन की सबसे बुरी गलतियाँ भी मिटाई जा सकती हैं। यह प्रभु-जीवन की रोटी है-जो उन्हें अपने जीवन के द्वारा साफ़ कर देते हैं, और हमें हमारे पापों को कभी फिर याद न रखने की प्रतिज्ञा प्रदान करते हैं। यशायाह कहता है “मैं वही हूँ जो अपने नाम के निमित्त तेरे अपराधों को मिटा देता हूँ और तेरे पापों को स्मरण न करूँगा।”

यह एक बेहतरीन हल प्रतीत होता है- और इसके हम योग्य भी नहीं हैं। अनेक लोगों के लिए यह विश्वास करना कठिन होता है कि हमारे अतीत के पापों को “सुबह की ओस के समान” मिटाया जा सकता है। क्या परमेश्वर, जो सबकुछ जानता है, उन्हें इतनी आसानी से भूल सकता है?

ठीक ऐसा ही परमेश्वर तब करता है जब हम यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करते हैं। हमारे पापों को क्षमा कर देने और “उन्हें याद न रखने” का चुनाव करने के द्वारा हमारा स्वर्गीय पिता हमें आगे बढ़ने के लिए आज़ाद कर देता है। पुराने पापों के द्वारा नीचा न देखने के द्वारा, हमें पाप के अवशेषों से आज़ाद और अभी और सर्वदा के लिए सेवा करने के लिए साफ़ कर दिया गया है। 

हाँ, हो सकता है कि परिणाम शेष रह जाएँ। परन्तु परमेश्वर पाप को हटा देते हैं, और हमारे साफ़ और नए जीवन के लिए उनके पास लौट आने के लिए आमन्त्रित करते हैं।

सबसे बड़ा बचाव-मिशन

18 फरवरी 1952 को एक बड़े तूफान ने एक तेलपोत एस एस पेंडलेटन को मैसाचुसेट्स के तट से लगभग दस मील की दूरी पर दो भागों में तोड़ दिया था। चालीस से भी अधिक नाविक खतरनाक हवा और हिंसक लहरों में डूबते हुए जलयान में फंसे हुए थे।  

जब विनाश का संदेश मैसाचुसेट्स के कैथम तट सुरक्षा केन्द्र में पहुँचा, बोट्स्वेन मेट फर्स्ट क्लास के बर्नी वेब्बर लगभग असम्भव प्रतीत होती बाधाओं के विरुद्ध असहाय नाविक दल को बचाने के प्रयत्न में एक जीवन-रक्षक नाव में तीन लोगों को ले कर निकल गए-और वे लगभग मृत्यु-द्वार तक पहुँचे बत्तीस नाविकों को सुरक्षित निकाल लाए। उनके साहसिक कार्य को संयुक्त राज्य के तट रक्षण के इतिहास में सबसे बड़ा बचाव-कार्य माना गया और यह 2016 की फिल्म ड फाईनेस्ट आवर्स का भी विषय बना था।  

लूका 19:10 में यीशु ने यह कहते हुए अपने बचाव-कार्य की घोषणा की, “मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूँढ़ने और उनका उद्धार करने आया है।” क्रूस और पुनरुत्थान उस बचाव-कार्य का अन्तिम प्रदर्शन थे, जब यीशु ने हमारे पापों को अपने ऊपर ले लिया और उन सभी को पिता से फिर से मिला दिया, जो उस पर भरोसा करते हैं। 2,000 (वर्षों) से लोगों ने उनके साथ उनके भरपूर और अनन्त जीवन के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। बचा लिए गए हैं!  

यीशु के अनुगामियों के रूप में पवित्र आत्मा की सहायता से हमारे पास हमारे उद्धारकर्ता के अब तक के सबसे बड़े बचाव-कार्य में सम्मिलित होने का अवसर है। आपके जीवन में किसे उनके बचाने वाले प्रेम की आवश्यकता है?