मेरे पूर्वस्नातक और स्नातक पाठ्यकर्मों के बीच गर्मियों में मेरी घबराहट बढ़ गयी l मुझे सब कुछ नियोजित रखना पसंद है, और राज्य से बाहर जाने का विचार और नौकरी के बिना स्नातक स्कूल में प्रवेश ने मुझे बेचैन कर दिया  l हालाँकि, कुछ दिन पहले मैंने अपनी गर्मियों की नौकरी छोड़ दी, मुझे दूर से/घर से ही कंपनी में काम जारी रखने के लिए कहा गया l मैंने स्वीकार कर ली और मुझे शांति मिली क्योंकि परमेश्वर मेरी चिंता कर रहा था l

परमेश्वर ने प्रबंध किया, परन्तु अपने समय में, मेरे समय में नहीं l अब्राहम की स्थिति अपने पुत्र इसहाक के साथ कहीं ज़्यादा कठिन थी l उससे अपने पुत्र को ले जाकर उसे उसके लिए पहाड़ पर बलिदान करने को कहा गया था (उत्पत्ति 22:1-2) l बगैर हिचकिचाहट के, अब्राहम ने आज्ञा मानी और इसहाक को वहाँ ले गया l क्या तीन दिनों ने अब्राहम को अपना मन बदलने के लिए प्रयाप्त समय नहीं दिया, परन्तु उसने नहीं बदला (पद.3-4) l

जब इसहाक ने अपने पिता से प्रश्न किया, अब्राहम का उत्तर था, “परमेश्वर होमबलि के लिए भेड़ का उपाय आप ही करेगा” (पद.8) l मुझे आश्चर्य है कि क्या हर कदम के साथ अब्राहम की घबराहट बढ़ती जा रही होगी जब वह इसहाक को वेदी पर बाँधा होगा और अपनी छुरी इंच- इंच करके उठाया होगा (पद.9-10) l स्वर्गदूत द्वारा उसे रोकने पर उसे कितना आराम मिला होगा! (पद.11-12) l परमेश्वर ने वास्तव में एक बलिदान, एक मेढ़ा का प्रबंध किया, जो एक झाड़ी में फंसा हुआ था (पद.13) l परमेश्वर ने अब्राहम के विश्वास की जांच  की, और उसने उसे विश्वासयोग्य ठहराया l और बिलकुल सही समय पर, परमेश्वर ने प्रबंध किया (पद.14) l