कम से कम लन्दन के चिड़ियाघर के अनुसार –  मनुष्य विशेष नहीं हैं l 2005 में, चिड़ियाघर ने चार दिनों की प्रदर्शनी आरम्भ की : “मनुष्य अपने प्राकृतिक परिवेश में l एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के द्वारा मानव “कैदी” चुने गए थे l मनुष्य को समझने में आगंतुकों की सहायता के लिए, चिड़ियाघर के कर्मी उनके भोजन, रहने का स्थान, और खतरों का एक विस्तृत संकेत बनाए थे l चिड़ियाघर के प्रवक्ता के अनुसार, प्रदर्शनी का लक्ष्य मनुष्य की अद्वितीयता को कम करके बताना था l प्रदर्शनी में एक भागीदार इससे सहमत दिखाई दिया l “जब वे मनुष्य को पशु के समान देखते हैं, यहाँ, यह एक प्रकार से हमें स्मरण कराता है कि हम उतने विशेष नहीं हैं l”

बाइबल जो मनुष्यों के विषय कहती है उससे यह नितांत तौर से अलग है : परमेश्वर ने “भयानक और अद्भुत रीति से “ हमें “अपनी समानता” में रचा (भजन 139:14; उत्पत्ति 1:26-27) l

दाऊद ने भजन 139 का आरंभ अपने विषय परमेश्वर का अन्तरंग ज्ञान (पद.1-6) और चारो ओर से घेरनेवाली उसकी उपस्थिति (पद.7-12) का उत्सव मनाते हुए किया l एक सिद्ध जुलाहे की तरह, परमेश्वर ने न केवल दाऊद के आंतरिक और बाह्य आकृतियों की जटिलताओं को आकार दिया (पद.13-14), परन्तु उसने उसे आत्मिक जीवन और परमेश्वर के साथ अन्तरंग सम्बन्ध रखने की योग्यता देकर एक जीवित आत्मा भी बनाया l परमेश्वर की रचना पर चिंतन करते हुए, दाऊद ने आश्चर्य, विस्मय, और प्रशंसा में प्रतिउत्तर दिया (पद.14) l

मनुष्य विशेष हैं l परमेश्वर ने हमें आश्चर्यजनक अद्वितीयता और उसके साथ एक अन्तरंग सम्बन्ध रखने की लिए अद्भुत योग्यता के साथ रचा है l दाऊद के समान, हम उसकी प्रशंसा कर सकते हैं क्योंकि हम उसके प्रेमी हाथों की रचना हैं l