“ज़रूरी l आगे बढ़ें l और तेज़ गति से l” 1993 की फिल्म जुरासिक पार्क के पसंदीदा दृश्य में उपरोक्त शब्द जेफ़ गोल्डबल्म द्वारा अभिनीत, डॉ. आयान मैलकोम के हैं जब वे और दो अन्य चरित्र एक जीप में घातक दैत्यसरट(tyrannosaurus/ दो पावों वाला मांसाहारी डायनासोर) से भाग रहे होते हैं l जब चालाक पीछे की चीजों को देखनेवाले आईने में देखता है, उसे आईने पर लिखे शब्द, “आईने में दिखाई देनेवाली वास्तुएँ अपनी वास्तविक दूरी से निकट हो सकती हैं” के ठीक ऊपर – रेंगनेवाले प्रबल जंतु के जबड़े दिखाई देते हैं l
यह दृश्य उग्रता और भयानक परिहास का कुशल मिश्रण है l परन्तु कभी-कभी हमारे अतीत के “राक्षस” ऐसे महसूस होते हैं जैसे वे हमारा पीछा करना नहीं छोड़ेंगे l हम अपने जीवन के “आईने” में देखते हैं और हम उन गलतियों को हमें दोष या लज्जा से भस्म करने के लिए डराते हुए, उसी स्थान पर मंडराते देखते हैं l
प्रेरित पौलुस अतीत की पंगु बनाने वाली संभव शक्ति को समझता था l उसने मसीह से अलग रहकर सम्पूर्ण/सिद्ध जीवन बिताने में वर्षों तक प्रयास किया, और मसीहियों को भी सताया (फिलिप्पियों 3:1-9) l अतीत पर पछतावा उसे सरलता से पंगु बना सकता था l
परन्तु पौलुस ने मसीह के साथ अपने सम्बन्ध में इतनी खूबसूरती और सामर्थ्य का अहसास किया कि वह अपने पुराने जीवन को छोड़ने पर विवश हुआ (पद.8-9) l इस बात ने उसे पछतावे के भय में पीछे देखने के स्थान पर विश्वास में आगे देखने के लिए स्वतंत्र किया : “परन्तु केवल यह एक काम करता हूँ कि जो बातें पीछे रह गयी हैं उनको भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ, निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूँ” (पद.13-14) l
मसीह में हमारा छुटकारा हमें उसके साथ रहने के लिए स्वतंत्र कर दिया है l जब हम आगे बढ़ते हैं हम “(अपने) आईने में उन बातों को” हमारी दिशा निर्धारित करने न दें l
हे पिता, कभी-कभी अतीत हमें छोड़ना नहीं चाहता है l यह स्मरण रखने में हमारी सहायता करें कि यीशु के कारण, हम नयी सृष्टि हैं जिन्हें पछतावा या दोष भावना के साथ जीने की ज़रूरत नहीं हैं l