जब उसकी खुबसूरत भूरी त्वचा अपना रंग खोने लगी, वह युवती डर गयी, मानो वह विलुप्त हो रही हो या “खुद” को खो रही हो l भारी श्रृंगार(मेकअप) के साथ, उसने “मेरे दाग़ों” – को छिपा दिया जैसे कि वह उनको संबोधित करती थी, हलके रंग की त्वचा की चकतियाँ जो श्वेतकुष्ठ/विटिलिगो(vitiligo) की स्थिति के कारण होती है l यह त्वचा के रंगद्रव, मेलेनिन(melanin) का नष्ट होना है, जो त्वचा को उसकी रंग/रंगत देती है l

तब एक दिन, उसने खुद से पूछा : क्यों इसे छिपाना? परमेश्वर की सामर्थ्य पर निर्भर होकर स्वयं को स्वीकार करके, उसने भारी मेकअप करना छोड़ दी l जल्द ही वह अपने आत्म-विश्वास के लिए ध्यान आकर्षित करने लगी l आखिरकार वह श्वेतकुष्ठ/विटिलिगो(vitiligo) के साथ एक वैश्विक प्रसाधन सामग्री ब्रांड की प्रथम प्रवक्ता मॉडल बन गयी l

उसने एक टीवी मेज़बान(host) को बताया, “यह कितनी बड़ी आशीष है” और आगे कहा कि वह अपने विश्वास, परिवार, और मित्रों में ही प्रोत्साहन पाती है l

इस स्त्री की कहानी हमें स्मरण करने को आमंत्रित करती है कि हममें से हर एक परमेश्वर के स्वरुप में रचे गए हैं l “परमेश्वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरुप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया; नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की” (उत्पत्ति 1:27) l चाहे हम बाहर से जैसा दिखाई दें, हम सब परमेश्वर के स्वरुप के धारक है l हम उसकी बनायी हुयी सृष्टि के रूप में, उसकी महिमा को प्रतिबिंबित करते हैं; औए हम यीशु के विश्वासी के रूप में संसार में उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए रूपान्तरित किये गए हैं l

क्या आप अपनी त्वचा से प्रेम करने में संघर्ष करते हैं?  आज, आईने में देखें और परमेश्वर के लिए मुस्कुराएँ l उसने आपको अपने ही स्वरुप में रचा है l