“अपने बच्चों को चाँद दिखाने का मौका कभी न चूकें!” उन्होंने कहा l इससे पूर्व कि सप्ताह के मध्य होनेवाली प्रार्थना सभा आरंभ हो, हमलोगों का एक समूह पिछली रात के शरद पूर्णिमा के विषय बातचीत कर रहे थे l पूर्णिमा अत्यधिक आकर्षक था, जब वह क्षितिज पर बैठा हुआ प्रतीत हो रहा था l श्रीमति वेब, परमेश्वर की सर्वश्रेष्ठ सृष्टि से प्रेम करनेवाली एक बुज़ुर्ग महिला, हमारी बातचीत में बुज़ुर्ग आवाज़ थी, l वह मेरी पत्नी को जानती थी और उस समय हमारे पास दो बच्चे थे, और वह हमारे बच्चों की उचित परवरिश में मेरी सहायता करना चाहती थी l “अपने बच्चों को चाँद दिखाने का मौका कभी न चूकना!”
श्रीमति वेब एक अच्छी भजनकार हो सकती थी l उनके प्रकार का आकर्षण दाऊद के खगोलीय पिंडों के वर्णन में प्रतिबिंबित है जिनकी “न तो कोई बोली है . . . [फिर भी] उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुँच गए हैं” (भजन 19:3-4) l न भजनकार और न ही श्रीमति वेब चाँद अथवा तारों की उपासना करने का इरादा रखते थे, किन्तु इसके बदले उनके पीछे रचनात्मक हाथों की l कायनात और अन्तरिक्ष पूरी तौर से परमेश्वर की महिमा प्रगट करते हैं (पद.1) l
हम भी अपने चारोंओर के लोगों – छोटे बच्चों और किशोर से लेकर पति-पत्नियों और पड़ोसियों – तक को हमारे चारोंओर परमेश्वर की महिमा की घोषणाओं और प्रकाशनों को ठहरकर, देखने, और सुनने के लिए उत्साहित कर सकते हैं l उसके हाथों के कार्यों की ओर आकर्षण हमें समस्त प्रभाव के पीछे उस अद्भुत परमेश्वर की उपासना करने की ओर नेतृत्व करता है l कभी भी अवसर को जाने न दें l
यदि हम ठहरकर, देखते, और सुनते हैं, हम सृष्टि को परमेश्वर की महिमा वर्णन करते हुए पाते हैं l