एशिया में यात्रा करते वक्त, मेरा आई पैड/ipad (जिसमें मेरी पठन सामग्री और कई कार्य के दस्तावेज़ थे) अचानक काम करना बंद कर दिया, एक स्थिति जिसे “मृत्यु का काला स्क्रीन/the black screen of death” कहा जाता है l सहायता चाहते हुए, मुझे एक कंप्यूटर की दूकान मिली और मुझे एक और समस्या का सामना करना पड़ा – मुझे चीनी भाषा नहीं आती थी और दूकान का तकनीशियन अंग्रेजी भाषा नहीं बोलता था l समाधान? उसने एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम खोलकर चीनी भाषा में टाइप किया, किन्तु मैं उसे अंग्रेजी में पढ़ सकता था l प्रक्रिया विपरीत हो गयी जब मैंने अंग्रेजी में उत्तर दिया और उसने चीनी भाषा में पढ़ लिया l इस सॉफ्टवेयर ने हमें स्पष्ट संवाद करने की अनुमति दी, दूसरी भाषाओं में भी l

कभी-कभी, मैं अपने स्वर्गिक पिता से प्रार्थना करते समय उससे संवाद करने और स्पष्ट रूप से अपने दिल की बात बताने में खुद को अयोग्य महसूस करता हूँ – और मैं अकेला नहीं हूँ l हममें से अनेक प्रार्थना के साथ संघर्ष करते हैं l परन्तु प्रेरित पौलुस ने लिखा, “इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है : क्योंकि हम नहीं जानते कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए, परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर, जो ब्यान से बाहर हैं, हमारे लिए विनती करता है; और मनों का जांचनेवाला जानता है कि आत्मा की मनसा क्या है? क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिए परमेश्वर की इच्छा के अनुसार विनती करता है l रोमियों 8:26-27

पवित्र आत्मा का दान कितना अद्भुत है! किसी भी कंप्यूटर कार्यक्रम से बेहतर l वह पिता के उद्देश्यों के सामंजस्य के साथ मेरे विचारों और इच्छाओं को संप्रेषित करता है l पवित्र आत्मा का कार्य प्रार्थना के कार्य को संभव बनाता है!