यद्यपि ऐनी शीफ मिलर की मृत्यु 90 वर्ष की आयु में 1999 में हुयी, वह अकाल प्रसव के बाद सेप्टिसीमिया(खून का जहरीला हो जाना/blood poisoning) हो जाने और सभी इलाज के असफल होने के बाद लगभग 1942 में मर चुकी थी l जबकि उसी अस्पताल के एक मरीज़ ने अपने संपर्क में एक विज्ञानी के विषय बताया कि वह एक नयी चमकारिक औषधि पर कार्य कर रहा है l ऐनी के डॉक्टर ने सरकार से ऐनी को उसी दवा की एक छोटी खुराक देने के लिए जोर डाला l एक ही दिन में, उसका तापमान नार्मल हो गया था! पेनिसिलिन(औषधि) ने ऐनी का जीवन बचा लिया था l

पतन के समय से, समस्त मानव जाति पाप द्वारा लायी गयी विनाशक आत्मिक स्थिति का अनुभव कर रही है (रोमियों 5:12) l केवल यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य ही हमारी चंगाई को संभव बनाया है (8:1-2) l पवित्र आत्मा हमें इस पृथ्वी पर और परमेश्वर की उपस्थिति में अनंत के लिए बहुतायत के जीवन का आनंद लेने के योग्य बनाता है (पद.3-10) l “यदि उसी का आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया, तुम में बसा हुआ है; तो जिसने मसीह को मरे हुओं में से जिलाया, वह तुम्हारी नश्वर देहों को भी अपने आत्मा के द्वारा जो तुम में बसा हुआ है, जिलाएगा” (पद.11) l

जब आपका पापी स्वभाव आपके अन्दर के जीवन को निचोड़ने की धमकी दे, अपने उद्धार के श्रोत, यीशु, की ओर देखें, और उसकी आत्मा की सामर्थ्य द्वारा सुदृढ़ बनें (पद.11-17) l “आत्मा . . . हमारी निर्बलता में सहायता करता है” और “ हमारे लिए विनती करता है” (पद.26-27) l