Month: जुलाई 2019

परमेश्वर के लिए खूबसूरत

अपने प्रेमी से डेटिंग करते समय डेनिसी ने पतली आकृति और वस्त्र को सुरुचिपूर्ण बनाकर रखने का प्रयास किया, यह भरोसा करते हुए कि वह उसके लिए उस तरह से अधिक आकर्षक लगेगी l आखिरकार, स्त्रियों की सभी पत्रिकाएँ इन्हीं की सलाह देती हैं l यह केवल बहुत बाद में पता चला कि उसके मन में क्या था : “जब तुम अधिक वजनदार थी तब भी मैंने तुम्हें उतना ही पसंद किया और तुम्हारे वस्त्र के विषय चिंता नहीं की l”

डेनिसी को एहसास हुआ कि “खूबसूरती” कितना आत्मगत(subjective) थी l दूसरों के द्वारा खूबसूरती के विषय हमारा दृष्टिकोण कितनी सरलता से प्रभावित होता है l यह आंतरिक ख़ूबसूरती के मूल्य को भूल कर अक्सर बाह्य स्वरुप पर केन्द्रित होता है l परन्तु परमेश्वर हमें केवल एक ही तरीके से देखता है – अपने सुन्दर, प्रिय बच्चों की तरह l मैं सोचना चाहता हूँ कि जब परमेश्वर ने इस सृष्टि की रचना की, वह सर्वोत्तम को अंत के लिए छोड़ दिया अर्थात् हमें! उसने सबकुछ सुन्दर बनाया, परन्तु हम अधिक विशेष हैं क्योंकि हम परमेश्वर के स्वरुप में बनाए गए हैं (उत्पत्ति 1:27) l

परमेश्वर हमें खूबसूरत मानता है! कोई आश्चर्य की बात नही कि भजनकार विस्मय से भर गया जब उसने प्रकृति की महानता की तुलना मनुष्य से की l “उसने पुछा, “तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?” (भजन 8:4) l फिर भी परमेश्वर ने नश्वर को महिमा और आदर दी जो और किसी के पास नहीं था (पद.5)

यह सच्चाई हमें उसकी प्रशंसा करने का आश्वासन और कारण देता है (पद.9) l चाहे दूसरे हमारे विषय कुछ भी सोचें – या हम अपने विषय क्या सोचते हैं – यह जान लें : हम परमेश्वर के लिए खूबसूरत है l

पुत्र के अनुगामी

संसार में सूरजमुखी पौधा लापरवाह/बेफिक्र रीति से अंकुरित होते हैं l मधुमक्खियाँ इन पौधों में परागन करती हैं, ये राजमार्गों के किनारे, पक्षियों को आकर्षित करते हैं, और खेतों, खलिहानों, और घास के मैदाओं में उगते हैं l फसल उगाने के लिए, हालाँकि, सूरजमुखी को अच्छी मिटटी की ज़रूरत होती है l किसानों की विवरण पुस्तिका के अनुसार, “जैविक पदार्थ या प्राकृतिक उर्वरक के साथ,” शुष्क, थोड़ी अम्लीय, पौष्टिक मिटटी, अंततः सूरजमुखी के स्वादिष्ट बीज, असली तेल, और सूरजमुखी उगानेवाले मेहनती किसानों के लिए जीविका उत्पन्न करते हैं l

हमें भी आत्मिक उन्नति के लिए “अच्छी भूमि” की ज़रूरत है (लूका 8:15) l जिस प्रकार यीशु ने एक बीज बोने वाले के दृष्टान्त में सिखाया, परमेश्वर का वचन पथरीली या कांटेदार भूमि में भी उग सकते हैं (देखें पद.6-7) l हालाँकि, यह केवल, “ईमानदार, उत्तम मन वाले लोगों के हृदय रूपी मिटटी में उगता है जो वचन को सुनकर उसे मन में संभाले रहते हैं, और धीरज से फल लाते हैं” (पद.15) l

सूरजमुखी के छोटे पौधे भी इसी प्रकार अपनी उन्नति में धीरज धरते हैं l पूरे दिन सूरज की चाल का अनुसरण करते हुए, वे प्रतिदिन सुर्यानुवर्तन(heliotropism) की प्रक्रिया में सूर्य की ओर उन्मुख होते हैं l पूर्ण विकसित पौधे भी उसी तरह इच्छित होते हैं l वे पूर्व की ओर स्थायी रूप से मुड़ जाते हैं, जिससे फूल का चेहरा गर्म होता है और इसके द्वारा परागन करनेवाली मधुमखियों का आना बढ़ जाता है l इस प्रकार बड़ा फसल मिलता है l

सूरजमुखी की देखभाल करनेवालों की तरह, हम भी वचन को पकड़े रहकर और उसके पुत्र का अनुकरण करके परमेश्वर के वचन की उन्नति के लिए एक समृद्ध माध्यम बन सकते हैं – हमें परिपक्व बनाने के लिए ईमानदारी और परमेश्वर के वचन के लिए उत्तम मन विकसित कर सकते हैं l काश हम पुत्र का अनुकरण करें और उन्नति करते जाएं l

फुटबॉल और चरवाहे

इंग्लिश फुटबॉल का एक लुभावना पहलु प्रत्येक मैच के आरंभ में प्रशंसकों द्वारा गाया जानेवाला टीम का गान है l ये गीत आनंद (“Glad All Over”) से लेकर चंचल/मनमौजी (“I’m Forever Blowing Bubbles”) से लेकर आश्चर्यजनक तक होते हैं l उदाहरण के लिए  “भजन 23,” वेस्ट ब्रोमविच ऐल्बियोन के क्लब का गान है l इस भजन के शब्द टीम के स्टेडियम के अन्दर अग्रभाग पर दिखाई देते हैं, जो “वेस्ट ब्रोम बैगिज़” को देखनेवाले सभी दर्शकों से अच्छे, महान, और प्रधान चरवाहे की देखभाल की घोषणा करते हैं l

भजन 23 में, दाऊद ने अपना शाश्वत वचन कहा, “यहोवा मेरा चरवाहा है” (पद.1) l बाद में, सुसमाचार का लेखक, मत्ती हमसे कहनेवाला था, “जब [यीशु ने] भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे” (मत्ती 9:36) l और यूहन्ना 10 में, यीशु ने अपने युग के लोगों “भेड़” के लिए अपना प्रेम और चिंता घोषित किया l “उसने कहा, “अच्छा चरवाहा मैं हूँ” l अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिए अपना प्राण देता है” (पद.11) l यीशु की करुणा भीड़ के साथ थी, उनकी ज़रूरतों के प्रति उसका प्रतिउत्तर था, और, अंततः, उनके (और हमारे) लिए उसका बलिदान l

“यहोवा मेरा चरवाहा है” एक प्राचीन गीतकाव्य या एक दक्ष स्लोगन से कहीं अधिक है l यह हमारा परमेश्वर हमें जानता है और प्रेम करता है – और उसके पुत्र द्वारा बचाए जाने की सार्थकता बतानेवाला एक भरोसेमंद कथन है l

अनदेखी सच्चाईयां

डिस्कवर पत्रिका का एक संपादक, स्टीफेन कास, कुछ अदृश्य चीजों का पता लगाने के लिए दृढ़ संकल्प करता है जो उसके दैनिक जीवन के भाग हैं l न्यू यॉर्क शहर में अपने दफ्तर को जाते समय, उसने विचार किया : “यदि मैं रेडियो के तरंगों को देख पाता, एम्पायर स्टेट बिल्डिंग का ऊपरी भाग (बहुत से रेडियो और टीवी एंटीना के साथ) सम्पूर्ण शहर आलोकित करता हुआ एक बहुरंगी हिलती रौशनी की तरह दिखाई देता l” उसने पहचाना कि वह रेडियो और टीवी संकेतों, वाई-फाई, और बहुत से अदृश्य विद्युत् चुम्बिकीय क्षेत्र से घिरा हुआ है l

एक सुबह के समय एलिशा के सेवक को एक अन्य प्रकार के अदृश्य सत्य के विषय पता चला – अदृश्य आत्मिक संसार l उसने खुद को और अपने स्वामी को आराम की सेना से घिरा हुआ पाया l जहां तक वह देख सकता था, उसे शक्तिशाली घोड़ों पर सवार सैनिक दिखाई दिए (2 राजा 6:15)! सेवक डर गया, परन्तु एलिशा आश्वस्त था क्योंकि उसने स्वर्गदूतों की सेना अपने चारों ओर देखी l उसने कहा, “जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं” (पद.16) l तब उसने प्रभु से अपने सेवक की आँखें खोलने को कहीं ताकि वह भी देख सके कि प्रभु ने उनकी सेना को घेर लिया है और सब कुछ उसके नियंत्रण में है (पद.17) l

क्या आप पूर्णतया पराजित और असहाय महसूस करते हैं? याद रखें कि सब परमेश्वर के नियंत्रण में है और वह आपके पक्ष में लड़ता है l वह “अपने दूतों को तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहां कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा करें” (भजन 91:11) l