ज़ैक एस्वाइन अपनी पुस्तक द इम्परफेक्ट पास्टर में लिखते हैं, “भावनात्मक रूप से, कभी-कभी हमने एक दिन का काम एक घंटे में कर दिया है l” यद्यपि वह विशेषकर उन जिम्मेदारियों के विषय सन्दर्भ दे रहे थे जो अक्सर पासबान उठाते हैं, और यह हममें से किसी के लिए भी सच है l वज़नी मनोभाव और जिम्मेदारियां हमें शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक तौर पर थका देती हैं l और केवल हमें सोने की इच्छा होती है l

1 राजा 19 में, नबी एलिय्याह ने खुद को हर तरह से कमज़ोर पाया l हम पढ़ते हैं कि रानी इज़ेबेल ने यह जानकार कि उसने बाल के नबियों को मार डाला है (देखें 18:16-40), उसकी हत्या करने की धमकी दी (पद.1-2) l एलिय्याह अत्यधिक भयभीत होकर अपना प्राण लेकर भागा और अपनी मृत्यु मांगने लगा (19:3-4) l

अपनी विपत्ति में, वह सो गया l एक स्वर्गदूत ने उसे दो बार छूकर उससे कहा, “उठकर खा” (पद.5,7) l दूसरी बार के बाद, एलिय्याह परमेश्वर द्वारा दिए गए भोजन से शक्ति पाकर, “चालीस दिन रात चलते-चलते” एक गुफा में पहुँचा (पद.8-9) l वहां पर, प्रभु उसको दर्शन दिया और उसे पुनः सशक्त करके भेजा (19:3-4) – और वह तरोताज़ा होकर परमेश्वर द्वारा दिये गए कार्य को निरंतर करने में सक्षम हुआ l

कभी-कभी हमें भी प्रभु में प्रोत्साहित होने की ज़रूरत है l यह दूसरे विश्वासी के साथ संवाद, एक उपासना गीत, या प्रार्थना और परमेश्वर के वचन में समय देने के रूप में हो सकता है l

क्या आप थक गए हैं? परमेश्वर को अपना बोझ देकर तरोताज़ा हो जाएं! वह आपका बोझ उठाएगा l