नवम्बर 9, 1989 को, संसार बर्लिन दीवार गिराए जाने के खबर से चकित रह गया l दीवार जिसने बर्लिन, जर्मनी, को विभाजित कर रखा था, गिर रहा था और वह शहर जो अट्ठाईस वर्षों से विभाजित था अब पुनः संयुक्त होने जा रहा था l यद्यपि आनंदोल्लास का भूगौलिक केंद्र जर्मनी था, दर्शक संसार इस उत्तेजना में सम्मिलित हुआ l कुछ बड़ी घटना हुयी थी!
लगभग सत्तर वर्षों तक निर्वासन में रहने के पश्चात जब 538 ई.पू. में इस्राएल अपने गृह राष्ट्र को लौटा, वह भी ऐतिहासिक था l भजन 126 अपने दृष्टिकोण से इस्राएल के इतिहास में आनंद से परिपूर्ण समय को देखता है l यह अवसर खिलखिलाहट, आनंददायक गायन, और अन्तेर्राष्ट्रीय स्वीकृति द्वारा चिन्हित था कि परमेश्वर ने अपने लोगों के लिए बड़ा काम किया था (पद.2) l और उसके बचाने वाले करुणा को ग्रहण करनेवालों की प्रतिक्रिया क्या थी? परमेश्वर की ओर से बड़े बड़े काम का परिणाम हर्ष था (पद.3) l साथ ही साथ, अतीत में उसके काम वर्तमान के लिए नयी प्रार्थनाओं और भविष्य के लिए उज्ज्वल आशा का आधार बन गए (पद.4-6) l
आपको और हमें परमेश्वर की ओर से बड़ी बातों के उदाहरण खोजने के लिए अपने निजी अनुभवों में बहुत दूर देखने की ज़रूरत नहीं है, विशेषकर यदि हम उसके पुत्र, यीशु के द्वारा परमेश्वर में विश्वास करते हैं l उन्नीसवीं सदी की गीत लेखिका फैनी क्रोस्बी ने इस भाव को वश में कर ली थी जब उसने लिखा, “महान उसकी शिक्षा, अद्भुत उसके काम, उसी के द्वारा मिलता आनंद अपार, पर इन से भी गहरा होगा वह आनंद, आँखों से निहारूंगा ख्रिस्त तारणहार l” वाकई, ईश्वर तेरी जय हो, महान तेरा काम!
अतीत की महान बातें महान आनंद, महान प्रार्थना, और महान आशा को प्रेरित करता है l