“यदि मेरे समूह का कोई सदस्य ऐसा करता तो मैं अत्यधिक निराश हुआ होता,” एक क्रिकेट खिलाड़ी ने दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी के विषय कहा जिसने 2016 में एक मैच में बेईमानी की थी l परन्तु केवल दो वर्षों के बाद, वही खिलाड़ी लगभग  समान अपमान में पकड़ा गया l

कुछ बातें हमें पाखण्ड से अधिक क्रुद्ध करती हैं l परन्तु उत्पत्ति 38 में यहूदा की कहानी में, यहूदा के पाखंडी व्यवहार में घातक परिणाम थे l तामार से विवाह करने के शीघ्र बाद जब उसके दो पुत्रों की मृत्यु हो गयी, यहूदा ने चुपके से उसकी ज़रूरतों को पूरी करने की जिम्मेदारी छोड़ दी (पद.8-11) l निराशा में, तामार ने एक वेश्या का रूप धारण किया और यहूदा ने उसके साथ सम्बन्ध बनाए (पद.15-16) l

फिर भी जब यहूदा को पता चला कि उसकी बहू गर्भवती है, उसकी प्रतिक्रिया प्राणघाती थी l उसने मांग की, “उसको बाहर ले आओ कि वह जलाई जाए” (पद.24) l परन्तु तामार के पास प्रमाण था कि यहूदा ही पिता था (पद.25) l

यहूदा सच्चाई का इनकार कर सकता था l इसके बदले उसने अपना पाखण्ड स्वीकार किया, और यह कहते हुए, “वह तो मुझ से कम दोषी है,” उसकी देखभाल करने की अपनी जिम्मेदारी भी स्वीकार कर ली (पद.26) l

और परमेश्वर ने यहूदा और तामार की कहानी के इस काले अध्याय को हमारे उद्धार की अपनी कहानी में बुन दिया l तामार के बच्चे (पद.29-30) यीशु के पूर्वज बनने वाले थे (मत्ती 1:2-3) l

उत्पत्ति 38 बाइबल में क्यों है? एक कारण है क्योंकि यह हमारे पाखंडी मानवीय हृदयों की कहानी है – और परमेश्वर के प्रेमी, अनुग्रही, और करुणामयी हृदय की कहानी l