Month: अक्टूबर 2019

प्रतीक्षा के लायक

टोक्यो के शिबुया ट्रेन स्टेशन के बाहर अकिता प्रजाति का कुत्ता हचिको की मूर्ति है l हचिको को याद किया जाता है क्योंकि वह अपने मालिक, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के प्रति असाधारण रूप से विश्वासयोग्य था जो उस स्टेशन से प्रतिदिन आना-जाना करते थे l कुत्ता प्रति सुबह उनको ट्रेन स्टेशन छोड़ने जाता था और प्रति दोपहर को ट्रेन आने पर वापस उन्हें लाने जाता था l

एक दिन प्रोफेसर ट्रेन स्टेशन नहीं लौटे; दुर्भाग्यवश, काम के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी l परन्तु हचिको अपना बाकी जीवन – नौ वर्ष से अधिक – दोपहर के ट्रेन के समय प्रतिदिन आता रहा l दिन प्रति दिन, मौसम का परवाह किये बिना, वह कुत्ता विश्वासयोग्यता से अपने मालिक के लौटने का इंतज़ार करता रहा l

पौलुस ने थिस्सलुनीकियों के “विशवास के काम,” “प्रेम का परिश्रम,” और प्रभु यीशु मसीह में आशा की धीरता” (1 थिस्सलुनीकियों 1:3) का उल्लेख करते हुए उनकी विश्वासयोग्यता के लिए उनको सराहा l कठोर विरोध के बावजूद, उन्होंने “जीवते और सच्चे परमेश्वर की सेवा [करने] , और उसके पुत्र के स्वर्ग पर से आने की बाट जोहते [रहने] के लिए अपने पुराने तौर-तरीकों को छोड़ा दिया (पद.9-10) l

ये आरंभिक विश्वासियों का उद्धारकर्ता में उनकी अत्यावश्यक आशा और उनके लिए उसका प्रेम उनको उनकी कठिनाइयों से परे प्रेरित करके उन्हें अपने विश्वास को उत्साहपूर्वक बांटने के लिए प्रेरित किया l वे इस बात से आश्वस्त थे कि यीशु के लिए जीवन जीने से बेहतर और कुछ भी नहीं है l यह जानना कितना अच्छा है कि वही पवित्र आत्मा जिसने उनको उत्साहित किया (पद.5) आज भी यीशु के आने की बाट जोहते हुए उसकी सेवा करने के लिए समर्थ करता है l

आपना नाम भरिये

परमेश्वर की ओर से लव लेटर्स (पुस्तक) में, ग्लेनिस नेललिस्ट बच्चों को प्रभु के साथ एक गहरे व्यक्तिगत तरीके से संवाद करने के लिए आमंत्रित करती है l बच्चों की इन पुस्तकों में परमेश्वर की ओर से एक पत्री सम्मिलित है जिसमें एक खाली स्थान है और जिसमें हर एक कहानी के बाद उस बच्चे का नाम भरा जाना है l वचन की सच्चाइयों को व्यक्तिगत बनाना उसके युवा पाठकों को समझने में सहायता करता है कि बाइबल केवल एक कहानी की पुस्तक नहीं है l उन्हें यह सिखया जा रहा है कि प्रभु उनके साथ एक सम्बन्ध चाहता है और कि वह अपने वचन के द्वारा अपने अति प्रिय बच्चों के साथ बातचीत करता है l

मैंने यह पुस्तक अपने भांजे के लिए खरीदी और परमेश्वर की ओर से हर एक पत्री के आरम्भ में सभी खाली स्थानों को भर दिया l अपने नाम को देखकर अत्यधिक ख़ुशी से, मेरे भांजे ने कहा, “परमेश्वर मुझे भी प्यार करता है!” अपने प्रेमी सृष्टिकर्ता के गहरे और सम्पूर्ण व्यक्तिगत प्रेम को जानना कितना तसल्ली देनेवाला है l

जब परमेश्वर ने इस्राएलियों से सीधे तौर पर नबी यशायाह के द्वारा बातें की, उसने उनके ध्यान को स्वर्ग की ओर की l प्रभु ने पुष्टि की कि वह “गणों” को नियंत्रित करता है (यशायाह 40:26), तारों के व्यक्तिगत महत्त्व को निर्धारित करता है, और प्रत्येक को प्रेम से मार्गदर्शित करता है l उसने अपने लोगों को आश्वस्त किया कि वह एक तारे को भी न भूलेगा या खोएगा . . . या एक प्रिय संतान जिसे उसने ख़ास उद्देश्य और अनंत प्रेम से रचा है l

जब हम वचन में अपने सर्वशक्तिमान प्रभु के अन्तरंग प्रतिज्ञाओं और प्रेम की घोषणाओं का उत्सव मानते हैं, हम अपने नाम भर सकते हैं l हम बच्चों का सा भरोसा और आनंद घोषित कर सकते हैं, “परमेश्वर मुझे भी प्यार करता है!”

मुख्य कर्ता

मैं एक विद्यार्थी के विषय सुना जो एक प्रसिद्ध सेमिनरी(बाइबल कॉलेज) में धर्मोपदेश की शिक्षा ले रहा था l वह युवा विद्यार्थी ने, जो अपने विषय अधिक अभिमानी था, अपने धर्मोपदेश को वाक्पटुता और प्रगट उत्साह के साथ प्रस्तुत किया l वह आत्म-संतुष्ट होकर बैठ गया, और प्रोफेसर उत्तर देने से पूर्व थोड़ा रुक गए l “वह तो एक प्रभावशाली धर्मोपदेश था,” उन्होंने कहा l “यह अच्छे से व्यवस्थित था और मर्मस्पर्शी भी l”

प्रोफेसर ने हम सब की एक समस्या स्पष्ट की जिससे हम कभी-कभी संघर्ष करते हैं l हम इस प्रकार बात कर सकते हैं जैसे कि हम मुख्य कर्ता हैं (उस पर बल देते हुए जो हम करते हैं, जो हम बोलते हैं) जबकि वास्तव में परमेश्वर जीवन में मुख्य कर्ता है l हम अक्सर दावे के साथ कहते हैं कि परमेश्वर किसी न किसी तरह सामान्य रूप से “प्रभारी है,” परन्तु हम इस प्रकार अभिनय करते हैं जैसे कि समस्त परिणाम हमारे ऊपर निर्भर होते हैं l

वचन दृढ़ता से कहता है कि परमेश्वर ही हमारे जीवन का वास्तविक विषय है, वास्तविक प्रभाव है l हमारे विश्वास के अनिवार्य कार्य भी – प्रभु की सामर्थ्य में (भजन 118:10-11) - “यहोवा के नाम से” संपन्न होते हैं l परमेश्वर हमारे उद्धार को सम्पादित करता है l परमेश्वर हमें बचाता है l परमेश्वर हमारी ज़रूरतों को पूरा करता है l “यह तो यहोवा की ओर से हुआ है” (पद. 23) l

इसलिए तनाव दूर हो चूका है l हमें क्षुब्ध होने, तुलना करने, बाध्यकारी ऊर्जा से कार्य करने की, या अपनी अनेक चिंताओं को पालने की ज़रूरत नहीं है l परमेश्वर नियंत्रण रखता है l हमें केवल भरोसा करने की ज़रूरत है और आज्ञाकारिता से उसकी अगुवाई का अनुसरण करना है l

मत भूलिएगा!

मेरी भांजी, उसकी चार साल की बेटी केलिन, और मैं ने शनिवार दोपहर का अद्भुत आनंद लिया l हमने बाहर बुलबुले बनाने, प्रिंसेस कलर बुक में रंग भरने, और पीनट मक्खन और जेली सैंडविच खाने का आनंद लिया l जब वे जाने के लिए कार में बैठ गए, कालीन ने खुली खिड़की से प्यार से बोली, “आंटी ऐन, मुझे मत भूलियेगा l” मैं जल्दी से कार की ओर बढ़कर धीरे से फुसफुसाई, “मैं तुम्हें कभी नहीं भूल सकती l मैं वादा करती हूँ कि मैं जल्द ही तुमसे मिलूंगी l”

प्रेरितों 1 में, शिष्य देख रहे थे जब यीशु “उनके देखते-देखते” आसमान में उठा लिया गया (पद.9) l मुझे आश्चर्य है कि उन्होंने सोचा होगा कि शायद उनका स्वामी उनको भूल जाएगा l परन्तु उसने अभी तुरंत प्रतिज्ञा की थी कि वह अपना पवित्र आत्मा भेजेगा जो उनके अन्दर निवास करेगा और आनेवाले सताव से पेश आने में उनको समर्थ बनाएगा (पद.8) l और उसने उनको समझाया था कि वह उनके लिए स्थान तैयार करने जा रहा है और वापस आकर उनको ले जाएगा कि वे उसके साथ रहें (यूहन्ना 14:3) l फिर भी वे सोचे होंगे कि उनको कितना समय इंतज़ार करना होगा l शायद वे कहना चाहते है, “यीशु, आप हमें भूलियेगा नहीं!”

हम जो यीशु में विश्वास किये हैं, वह पवित्र आत्मा के द्वारा हममें निवास करता है l इसके बाद भी हम सोचते हैं वह कब लौटेगा और हमें और अपनी सृष्टि को पूरी रीति से पुनः स्थापित करेगा l परन्तु यह अवश्य होगा – वह हमें भूलेगा नहीं l “इस कारण एक दूसरे को शांति दो और एक दूसरे की उन्नति का कारण बनो” ( 1 थिस्सलुनीकियों 5:10-11) l