साईरन की आवाज़ बढ़कर कानों को चुभने वाली आवाज़ तक बढ़ गयी जब एक  आपातकालीन वाहन गति से मेरे कार के निकट से निकली l उसकी चमकती रोशनी ने मेरे कार की विंडशील्ड(कार का हवारोधी शीशा) से होकर चमकते हुए, ट्रक के किनारे पर छपे हुए “खतरनाक सामग्री” शब्दों को प्रकाशित कर दी l बाद में मुझे पता चला कि यह किसी विज्ञान प्रयोगशाला की ओर गति से जा रहा था जहाँ 400 गैलन सल्फ्यूरिक एसिड का कंटेनर(container) रिसना शुरू हो गया था l आपातकालीन श्रमिकों को इसे तुरंत रोकना था क्योंकि यह अपने संपर्क में आनेवाले किसी भी चीज को क्षति पहुँचा सकता था l

जैसे ही मैंने इस समाचार पर विचार किया, मैंने सोचा कि मेरे मुँह से कठोर या आलोचनात्मक शब्द “रिसने” पर यदि हर समय साईरन की तेज़ आवाज़ सुनाई देती है तो क्या हो सकता है? दुर्भाग्यवश, यह हमारे घर के चारों ओर कोलाहलपूर्ण हो सकता था l

नबी यशायाह ने अपने पाप के विषय जागरूकता की इस भावना को साझा किया l जब उसने एक दर्शन में परमेश्वर की महिमा देखी, वह अपनी अयोग्यता से अभिभूत हो गया l उसने पहचान लिया कि वह “अशुद्ध होंठवाला मनुष्य” था और उसी समस्या को साझा करने वाले लोगों के साथ रहता था (यशायाह 6:5) l उसके आगे जो हुआ मुझे आशा देती है l एक स्वर्गदूत ने एक अंगारे से उसके होंठों को छूकर समझाया, “तेरा अधर्म दूर हो गया और तेरे पाप क्षमा हो गए” (पद.7) l

हम पल पल अपने शब्दों के विषय निर्णय कर सकते हैं – लिखित या उच्चारित दोनों l क्या वो “खतरनाक” सामग्री होगी, या हम परमेश्वर की महिमा को हमें दोषी ठहराने देंगे और उसके अनुग्रह को हमें चंगा करने देंगे ताकि हम जो भी व्यक्त करते हैं उसके द्वारा उसकी महिमा हो?