दक्षिणी कैलिफोर्निया के एक छोटे से चर्च ने व्यवहारिक तरीके से परमेश्वर के प्रेम को व्यक्त करना पहचान लिया l यीशु में विश्वासियों ने एक स्थानीय धोबीघाट(laundromat) में इकठ्ठा होकर आर्थिक आवश्यकताओं में लोगों के कपड़े धोकर अपने समुदाय की मदद की l उन्होंने मिलकर कपड़े धोये और उनको तह किये, और कभी-कभी गर्म भोजन या एक थैला किराने का सामान पानेवालों को देते थे l
एक स्वयंसेवक को मालूम चला कि सबसे बड़ा ईनाम “लोगों के साथ . . . वास्तविक संपर्क में था जो उनकी कहानी सुनते थे l” यीशु के साथ उनके संबंधों के कारण, ये स्वयंसेवक प्यार भरे शब्दों और कार्यों के जरिये अपना विश्वास दर्शाना चाहते थे, जिससे उन्हें दूसरों के साथ वास्तविक संबंधों को पोषित करने में मदद मिली l
प्रेरित याकूब इस बात की पुष्टि करते हैं कि एक दावा करनेवाले विश्वासी की प्रेमपूर्ण सेवा का हर एक कार्य वास्तविक विश्वास का एक परिणाम है l वह कहता है कि “विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्वभाव में मरा हुआ है” (याकूब 2:14-17) l घोषणा करना कि हम विश्वास करते हैं हमें परमेश्वर की संतान बनाता है, लेकिन जब हम दूसरों की सेवा करके उसकी सेवा करते हैं तब हम उन विश्वासियों के रूप में कार्य करते हैं जो भरोसा करते हैं और यीशु का अनुसरण करते हैं (पद.24) l विश्वास और सेवा शरीर और आत्मा के रूप में अन्योन्याश्रित(interdependent) हैं (पद.26), मसीह की सामर्थ्य का एक सुन्दर प्रदर्शन, जैसा कि वह हमारे अन्दर और हमारे द्वारा काम करता है l
व्यक्तिगत रूप से यह स्वीकार करने के बाद कि क्रूस पर परमेश्वर का बलिदान हमें सिद्ध प्रेम में धोता है, हम असली विश्वास में प्रत्युतर दे सकते हैं जो हमारी सेवा के तरीकों में अधिकाई से दिखाई देता है l
हे यीशु, कृपया अपने सिद्ध, स्वच्छ प्रेम से हमारे जीवनों को अधिकाई से भर दें, ताकि हम इसे दूसरों के जीवन में उंडेल सकें l