1975 में पठकथा लेखक रॉड सर्लिंग ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि लोग मुझे अब से सौ साल बाद याद रखें l” अमेरिकी टीवी श्रृंखला द ट्वाईलाइट ज़ोन के निर्माता, सर्लिंग चाहते थे कि लोग उनके बारे में कहें, “वह एक लेखक थे l” हममें से बहुत से लोग एक विरासत छोड़ने के सर्लिंग की इच्छा के साथ तादात्म्य स्थापित कर सकते हैं – कुछ जो हमारे जीवन को अर्थ और स्थायित्व दे सकता है l 

अय्यूब की कहानी हमें एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताती है जो जीवन के क्षणभंगुर दिनों के बीच अर्थ से जूझ रहा है l एक पल में, न केवल उसकी संपत्ति, बल्कि उसके लिए सबसे कीमती, उसके बच्चों को ले लिया गया l तब उसके मित्रों ने उस पर इस नियति का हकदार होने का आरोप लगाया l अय्यूब ने पुकारा : “भला होता, कि मेरी बातें लिखी जातीं; भला होता, कि वे पुस्तक में लिखी जातीं, और लोहे की टांकी और सीसे से वे सदा के लिए चट्टान पर खोदी जातीं” (अय्यूब 19:23-24) l 

अय्यूब के शब्दों को “हमेशा के लिए चट्टान में उकेरा गया है l” यह हमारे पास बाइबल में हैं l फिर भी अय्यूब को अपने जीवन में उस विरासत से जो वह छोड़ता अधिक मायने रखने की ज़रूरत थी l उसने इसे परमेश्वर के चरित्र में खोजा l “मुझे तो निश्चय है कि मेरा छुड़ानेवाला जीवित है, और वह अंत में पृथ्वी पर खड़ा होगा,” अय्यूब ने घोषणा की (19:25) l इस ज्ञान ने उसे सही लालसा दी l “उसका दर्शन मैं आप अपनी आँखों से अपने लिए करूँगा,” अय्यूब ने कहा l “यद्यपि मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर चूर चूर भी हो जाए” (पद.27) l 

अंत में, अय्यूब को वह नहीं मिला जिसकी उसने अपेक्षा की थी l उसने बहुत अधिक पाया – सभी अर्थों और स्थायित्व का श्रोत (42:1-6) l