मैंने एक बार डोमिनिकन रिपब्लिक में सैंटो डोमिंगो के एक गरीब पड़ोस का दौरा किया l घरों को नालीदार लोहे से बनाया गया था, जिसके ऊपर बिजली के जीवित तार लटक रहे थे l वहाँ मुझे परिवारों का साक्षात्कार करने और यह सुनने का सौभाग्य मिला कि चर्च कैसे बेरोजगारी, नशीली दवाओं के उपयोग और अपराध का मुकाबला करने में मदद कर रहे थे l
एक गली में मैं एक माँ और उसके बेटे का साक्षात्कार लेने के लिए एक छोटे कमरे में जाने के लिए एक छोटी सी सीढ़ी पर चढ़ गया l लेकिंग एक पल के बाद किसी ने कहा, “हमें अब चलना चाहिए l” एक हथियार-बनाने वाले गिरोह (machete-wielding gang) के नेता जाहिर तौर पर हम पर घात लगाकर आक्रमण करने के लिए एक भीढ़ इकठ्ठा कर रहे थे l
हमने एक दूसरे पड़ोस का दौरा किया, लेकिन वहाँ हमें कोई समस्या नहीं थी l बाद में मुझे पता चला क्यों l जैसा कि मैंने प्रत्येक घर का दौरा किया, एक गैंग लीडर हमारी सुरक्षा के लिए बाहर खड़ा था l यह पता चला कि उनकी बेटी को चर्च द्वारा खिलाया और शिक्षित किया जा रहा था, और क्योंकि विश्वासी उस बेटी के साथ खड़े थे, वह हमारे पक्ष में खड़ा था l
पहाड़ी उपदेश में, यीशु प्रेम का एक मानक प्रस्तुत करता है जो तुलना से परे है l इस तरह का प्यार न केवल “योग्य” बल्कि जो लायक नहीं हैं (मत्ती 5:43-45) को भी गले लगाता है, परिवार और दोस्तों से परे उन तक पहुँचने के लिए जो हमें प्यार नहीं कर सकते या बदले में प्यार नहीं करेंगे (पद.46-47) l यह परमेश्वर के बराबर प्रेम है (पद.48) – इस तरह का जो सभी को आशीषित करता है l
जैसे कि सैंटो डोमिंगो में विश्वासियों ने इस प्यार को जीया है, पड़ोस में बदलाव आना शुरू हो गया है l कठिन हृदय उनके कारण स्नेही होने लगे हैं l परमेश्वर के बराबर प्रेम का शहर में आने पर यही होता है l
हे यीशु, मुझ में अपना प्यार डालिए, ताकि मैं भी इसे दूसरों में डाल सकूँ – यहाँ तक कि उन पर भी जो यह एहसान चुका नहीं सकते l