द बुक ऑफ़ ऑड्स(The Book of Odds) का कहना है कि एक लाख लोगों में से एक पर आकाशीय बिजली गिरती है l वह यह भी कहता है कि 25,000 में से एक को भारी आघात या नुक्सान की स्थिति में “टूटा हृदय सिंड्रोम(broken heart syndrome)” नामक एक चिकित्सीय स्थिति का अनुभव होता है l एक के बाद एक पृष्ठ में विशिष्ठ समस्याओं को अनुभव करने की असंगत बात बिना उत्तर के इकठ्ठा होती हैं : क्या होगा यदि हम ही वह व्यक्ति हैं?
अय्यूब ने सभी बाधाओं को ललकारा l परमेश्वर ने उसके विषय में कहा, “उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय माननेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला मनुष्य और कोई नहीं है” (अय्यूब 1:8) l फिर भी अय्यूब को उन कई हानियों को सहने के लिए चुना गया जो समस्त असंगतियों को ललकारा l पृथ्वी पर सभी लोगों में से, अय्यूब के पास जवाब मांगने का कारण था l हमारे समझने के लिए उसके हताश संघर्ष एक अध्याय के बाद दूसरे अध्याय में लिखे हुए हैं, “मैं क्यों?”
अय्यूब की कहानी हमें अस्पष्ट पीड़ा और बुराई के रहस्य का जवाब देने का एक तरीका देती हैं l परमेश्वर की भलाई और दया के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक (अध्याय 25) के दुःख और भ्रम का वर्णन करके, हम बोने और काटने के अटल नियम का विकल्प प्राप्त कहते हैं (4:7-8) l शैतानी बेचैनी की पृष्ठभूमि को (अध्याय 1) और परमेश्वर की ओर से एक अंत बताकर (42:7-17) जो एक दिन अपने पुत्र को हमारे पापों को उठाने के लिए अनुमति देगा, अय्यूब की कहानी हमें दृष्टि के बजाए विश्वास से जीने का कारण देती है l
आप एक ऐसे परमेश्वर के बारे में कैसा महसूस करते हैं जो कभी-कभी बिना स्पष्टीकरण के कष्ट देता है? अय्यूब की कहानी आपको यह समझने में कैसे मदद करती है?
सृष्टि के परमेश्वर, जीवनदाता, हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता, हमारे आँखों और हृदयों से अधिक आप पर भरोसा करने में हमारी मदद कर l