एक दिन एक पेट्रोल पंप पर, स्टेला का सामना एक महिला से हुआ जो अपने बैंक कार्ड के बिना घर से निकल आई थी l अपने बच्चे के साथ फंसी हुयी, वह राहगीरों से मदद मांग रही थी l हालाँकि उस समय बेरोजगार होने के बावजूद स्टेला ने अजनबी के टैंक में 500 रूपये का पेट्रोल भरवा दिया l कुछ दिनों के बाद, स्टेला घर लौटकर देखी कि बच्चों के खिलौनों से भरा एक बास्केट और दूसरे प्रकार के उपहार उसके ओसारे में रखे हुए थे l अजनबी के मित्रों ने स्टेला के दयालुता का बदला दिया था और उसके 500 रूपये की आशीष को उसके परिवार के लिए स्मरणीय क्रिसमस में बदल दिया था l
दिल को छूनेवाली यह कहानी यीशु के उस बिंदु को दर्शाती है जब उसने कहा था, “दिया करो, तो तुम्हें भी दिया जाएगा l लोग पूरा नाप दबा दबाकर और हिला हिलाकर और उभरता हुआ तुम्हारी गोद में डालेंगे, क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जाएगा” (लूका 6:38) l
यह सुनना लुभाने वाला हो सकता है और हम देने के द्वारा क्या प्राप्त करते हैं पर केन्द्रित होते हैं, लेकिन ऐसा करने से हमसे एक बिंदु छूट सकता है l यीशु ने इस कथन से पहले ऐसा कहा : “अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो, और फिर पाने की आशा न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिए बड़ा फल होगा, और तुम परमप्रधान के संतान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है” (पद.35) l
हम वस्तु पाने के लिए नहीं देते हैं; हम देते हैं क्योंकि परमेश्वर हमारी उदारता में आनंदित होता है l दूसरों के लिए हमारा प्रेम हमारे प्रति उसके प्रेमी हृदय को प्रतिबिंबित करता है l
आप अपने जीवन में परमेश्वर की उदारता को किस प्रकार अनुभव किये हैं? आप किस तरह दूसरों तक उदारता फैला सकते हैं?
अनुग्रहकारी पिता, हमें दूसरों को उदारता से देने में मदद कर क्योंकि आप मेरे प्रति बहुत उदार रहे हैं l