अन्तरिक्ष यात्रियों द्वारा ईगल(Eagle) अन्तरिक्ष यान को सी ऑफ़ ट्रैनक्वीलिटी(Sea of Tranquility- चन्द्रमा पर एक ख़ास स्थान) पर उतारने के बाद, नील आर्मस्ट्रांग(अन्तरिक्ष यात्री) ने कहा, “यह मानव के लिए एक कदम है, मानवता के लिए एक भीमकाय छलांग l” वह चंद्रमा के सतह पर कदम रखने वाला पहला मनुष्य था l दूसरे अंतरिक्ष यात्री भी गए, जिसमें अंतिम अपोलो अभियान के कमांडर जेने सेरनन शामिल थे l “वहां(चंद्रमा पर) मैं था, और वहां अर्थात्  पृथ्वी पर आप हैं, उर्जस्वी(dynamic), अभिभूत करनेवाला, और मैंने अनुभव किया . . . अचानक यह जो हुआ बहुत ही खुबसूरत है,” सेरनन ने कहा, “आप से बड़ा और मुझसे बड़ा ज़रूर कोई है l” गहरे अन्तरिक्ष में अपनी अद्वितीय दृष्टि से भी, इन लोगों ने कायनात/सृष्टि की विशालता की तुलना में अपनी लघुता को समझा l
नबी यिर्मयाह ने भी पृथ्वी और उससे परे के सृष्टिकर्ता और संभालनेवाला के रूप में परमेश्वर की विशालता पर विचार किया l सभी के सृष्टिकर्ता ने घनिष्टता से खुद को प्रकट करने का वादा किया क्योंकि उसने अपने लोगों को प्यार, क्षमा और आशा की पेशकश की (यिर्मयाह 31:33-34) l यिर्मयाह परमेश्वर की विशालता की पुष्टि करता है कि यह वही है “जिसने दिन में प्रकाश देने के लिए सूर्य को और रात में प्रकाश देने के लिए चंद्रमा और तारागन के नियम ठहराए हैं” (पद.35) l हमारा सृष्टिकर्ता और सर्वशक्तिमान प्रभु सब के ऊपर राज्य करेगा जब वह अपने सभी लोगों को छुड़ाने का काम कर रहा है (पद.36-37) l
हम आकाश की अथाह विशालता और पृथ्वी की नींव की गहराई की खोज कभी भी कर पाएंगे l लेकिन हम सृष्टि की जटिलता पर विस्मय से देखेंगे और चन्द्रमा – और बाकी सब कुछ को बनानेवाले पर भरोसा करेंगे l