अंकल ज़ाकी विद्वान केनेथ बैली के मित्र से अधिक थे; वे विशाल सहारा रेगिस्तान में चुनौतीपूर्ण भ्रमण में उनके विश्वसनीय मार्गदर्शक थे l अंकल ज़ाकी का अनुसरण करते हुए, बैली कहते हैं कि वे और उनकी टीम उन पर अपना पूरा भरोसा रख रहे हैं l संक्षेप में, वे पुष्टि कर रहे थे, “हम नहीं जानते कि हम कहाँ जा रहे हैं, और यदि आप हमें गलत मार्ग पर छोड़ देते हैं तो हम सब मर जाएंगे l हमने आपके मार्गदर्शन में अपना पूरा भरोसा रखा है l”

अत्यधिक थकान और मनोव्यथा के समय, दाऊद ने किसी भी मानव मार्गदर्शक से परे देखा, उस परमेश्वर के मार्गदर्शन को खोजा जिसकी वह सेवा करता था l भजन 61:2 में हम पढ़ते हैं, “मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूँगा, जो चट्टान मेरे लिए ऊंची है, उस पर मुझ को ले चल l” वह कामना करता था कि वह परमेश्वर की उपस्थिति में फिर से सुरक्षा और आराम प्राप्त कर सकेगा (पद.3-4) l  

जीवन में लोगों को परमेश्वर के मार्गदर्शन की सख्त ज़रूरत है, जो पवित्रशास्त्र में उन भेड़ों के रूप में वर्णित हैं जो “भटक गए हैं” (यशायाह 53:6) l यदि हम अपने ऊपर छोड़ दिए जाएँ, हम टूटे संसार के रगिस्तान में निराशाजनक ढंग से खो जाएंगे l

लेकिन हम अपने ऊपर नहीं छोड़े गए हैं! हमारे पास एक चरवाहा है जो हमें “सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है,” हमारी आत्माओं को तरोताज़ा करता है, और हमारा मार्गदर्शन करता है (भजन 23:2-3) l

आज आप कहाँ पर उसकी अगुवाई चाहते हैं? उसे पुकारें l वह आपको कभी नहीं छोड़ेगा l