उन्होंने धुंधली तस्वीर को देखा, फिर मुझे देखा, फिर मेरे पिता की ओर देखा, फिर से मेरी ओर देखा, और उसके बाद फिर से मेरे पिता की ओर l उनकी आँखें विस्मय के साथ पूरी तौर से खुल गयीं l “पापा, आप बिलकुल दादा के समान दिखते हो जब वे जवान थे!” मेरे पिता और मैं दांत दिखाते हुए मुस्कुराए क्योंकि यह कुछ ऐसा था जिसे हम लम्बे समय से जानते थे, लेकिन यह हाल ही तक ज्ञात नहीं था जब तक कि मेरे बच्चों को यह पता नहीं चला l जबकि मेरे पिता और मैं अलग-अलग लोग हैं, मुझे देखने के लिए एक बहुत ही वास्तविक अर्थ में मेरे पिता को एक छोटे आदमी के रूप में देखना है : लम्बी दुबली पतली बनावट; काले बालों का पूरा सिर; बाहर की ओर निकली हुई नाक, और अपेक्षा से बड़े कान l नहीं, मैं मेरा पिता नहीं हूँ, परन्तु मैं निश्चित रूप में अपने पिता का बेटा हूँ l
यीशु के एक शिष्य, फिलिप्पुस ने एक बार पुछा, “हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे” (यूहन्ना 14:8) l और जब कि यह पहली बार नहीं था जब यीशु ने संकेत दिया था, उसकी प्रतिक्रिया अभी भी उसके ठहरने का कारण थी : “जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है” (यूहन्ना 14:9) l अपने पिता और मेरे बीच शारीरिक समानता के विपरीत, जो यीशु यहाँ कहता है वह क्रांतिकारी है : “क्या तू विश्वास नहीं करता कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है?” (पद.10) l उसका बिलकुल वही तत्व और चरित्र उसके पिता के समान ही था l
उस क्षण यीशु अपने प्रिय शिष्यों और हम सब से बहुत ही स्पष्ट बोल रहा था : यदि तुम जानना चाहते हैं कि परमेश्वर कैसा है, मुझे देखो l
यीशु और (पिता) की कुछ विशेषताएं क्या हैं जो आपके साथ दृढ़ता से गूंजती हैं और क्यों? वह आपके चरित्र को कैसे ढाल रहा है?
हे यीशु, जब चीजें अभिभूत करनेवाली महसूस हों, मुझे याद दिलाइये कि आपको देखना पिता को देखना है l मेरी आँखों को आप पर टिकाए रखने में मेरी मदद करें l