“मैं उसकी देखभाल करुँगी l जब वो खुश, तब मुझे ख़ुशी होती है,” स्टेला कहती है l प्रदीप उत्तर देता है, “जब वह मेरे पास होती है मुझे ख़ुशी होती है l प्रदीप और स्टेला की शादी के 79 वर्ष हो चुके हैं l हाल ही में जब प्रदीप को एक नर्सिंग होम में भर्ती किया गया, उसकी हालत दयनीय थी – तो स्टेला उसे आनंदपूर्वक घर ले आई l वह 101, और स्टेला 95 वर्ष की है l यद्यपि वह चलने-फिरने के लिए वॉकर का उपयोग करती है, वह प्रेमपूर्वक अपने पति के लिए वह सब करती है जो वह कर सकती है, जैसे कि उसका पसंदीदा भोजन तैयार करना l परन्तु वह अपने बल पर यह नहीं कर सकती थी l नाती-पोते और पड़ोसी स्टेला की उन बातों में मदद करते हैं जो वह खुद नहीं कर सकती है l
स्टेला और प्रदीप का एक साथ का जीवन उत्पत्ति 2 का एक उदहारण है, जहां परमेश्वर ने कहा है, “आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं, मैं उसके लिए एक ऐसा सहायक बनाऊंगा जो उससे मेल खाए” (पद.18) l कोई भी जीव जिसे परमेश्वर आदम के पास लेकर आया उस वर्णन में ठीक बैठता है l केवल हव्वा में, जो आदम की पसली से बनी थी, आदम ने एक सहायक और सहयोगी प्राप्त किया (पद.19-24) l
हव्वा ही आदम के लिए सही सहयोगी थी, और उनके द्वारा परमेश्वर ने विवाह की स्थापना की l यह केवल व्यक्तियों की आपसी सहायता के लिए नहीं थी बल्कि एक परिवार को शुरू करने और सृष्टि की देखभाल के लिए भी थी जिसमें अन्य लोग शामिल हैं (1:28) l उस पहले परिवार से एक समुदाय आया ताकि चाहे वह विवाहित हो या एकल, वृद्ध या युवा, हममें से कोई भी अकेला नहीं होगा l एक समुदाय के रूप में, परमेश्वर ने हमें “एक दूसरे का भार” (गलतियों 6:2) उठाने का विशेषाधिकार दिया है l
कैसे यह जानना उपयोगी है कि हमारी वैवाहिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना, हम यीशु में विश्वास करने वाले कभी अकेले नहीं होते? आपने मसीह की देह को किस प्रकार काम करते हुए देखा है?
प्रिय परमेश्वर, पुरुष और स्त्री को एक दूसरे के लिए बनाने के लिए और समुदाय को स्थापित करने के लिए धन्यवाद ताकि वास्तव में हममें से कोई भी अकेला नहीं हो l