मेरी बेटी नैन्सी ड्रियू (एक जासूसी उपन्यास श्रृंखला) से मोहित हो गयी है l पिछले तीन हफ़्तों में, उसने कम से कम एक दर्जन उपन्यास पढ़े, जिसमें एक जासूस लड़की का वर्णन है l वह जासूसी कहानियों से अपने लगाव/प्रेम को ईमानदारी से दर्शाती है : मैं जब छोटी थी उस समय  भी इन पुस्तकों से प्रेम करती थी, और नीली जिल्द वाली प्रतियां जो मेरी माँ 1960 के दशक में पढ़ती थी अभी भी उनके घर के एक शेल्फ में सजी हुई हैं l

इस स्नेह को स्थानांतरित होते देख मुझे आश्चर्य होता है कि मैं और क्या स्थानांतरित कर रहा हूँ l तीमुथियुस को लिखे अपने दूसरे पत्र में, पौलुस ने लिखा है कि जब उसने तीमुथियुस के बारे में सोचा, तो उसे “निष्कपट विश्वास” याद आया जो तीमुथियुस की दादी और माँ में था l मुझे आशा है कि रहस्यों/जासूसी से प्रेम के साथ, मेरी बेटी विश्वास की विरासत भी प्राप्त कर रही है – और वह सेवा” भी करेगी जैसे उसके नाना-नानी ने भी की है, कि वह प्रार्थना करेगी, और कि वह “उस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार जो मसीह यीशु में है” थामे रहेगी l (2 तीमुथियुस 1:1) l

मैं यहाँ उन लोगों के लिए भी आशा रखता हूँ जिनके पास यीशु को जानने वाले माता-पिता या नाना-नानी/दादा-दादी नहीं हैं l यद्यपि तीमुथियुस के पिता का उल्लेख नहीं किया गया है, पौलुस तीमुथियुस को अपना “प्रिय पुत्र” (पद.2) कहता है l जिन लोगों के पास विश्वास स्थानांतरित करने वाले परिवार नहीं है, वे अभी भी चर्च में माता-पिता और दादा-दादी/नाना-नानी ढूंढ सकते हैं – ऐसे लोग जो हमें यह जानने में मदद करेंगे कि “पवित्र जीवन” (पद.9) कैसे जिया जाए, और परमेश्वर द्वारा दिए गए “सामर्थ्य और प्रेम और संयम” के उपहारों को ग्रहण किया जाए l हमें (पद.7) l सचमुच, हम सभी के पास एक सुन्दर विरासत है l