Month: जून 2020

एक दूसरे के लिए बनाए गए

“मैं उसकी देखभाल करुँगी l जब वो खुश, तब मुझे ख़ुशी होती है,” स्टेला कहती है l प्रदीप उत्तर देता है, “जब वह मेरे पास होती है मुझे ख़ुशी होती है l प्रदीप और स्टेला की शादी के 79 वर्ष हो चुके हैं l हाल ही में जब प्रदीप को एक नर्सिंग होम में भर्ती किया गया, उसकी हालत दयनीय थी – तो स्टेला उसे आनंदपूर्वक घर ले आई l वह 101, और स्टेला 95 वर्ष की है l यद्यपि वह चलने-फिरने के लिए वॉकर का उपयोग करती है, वह प्रेमपूर्वक अपने पति के लिए वह सब करती है जो वह कर सकती है, जैसे कि उसका पसंदीदा भोजन तैयार करना l परन्तु वह अपने बल पर यह नहीं कर सकती थी l नाती-पोते और पड़ोसी स्टेला की उन बातों में मदद करते हैं जो वह खुद नहीं कर सकती है l

स्टेला और प्रदीप का एक साथ का जीवन उत्पत्ति 2 का एक उदहारण है, जहां परमेश्वर ने कहा है, “आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं, मैं उसके लिए एक ऐसा सहायक बनाऊंगा जो उससे मेल खाए” (पद.18) l कोई भी जीव जिसे परमेश्वर आदम के पास लेकर आया उस वर्णन में ठीक बैठता है l केवल हव्वा में, जो आदम की पसली से बनी थी, आदम ने एक सहायक और सहयोगी प्राप्त किया (पद.19-24) l

हव्वा ही आदम के लिए सही सहयोगी थी, और उनके द्वारा परमेश्वर ने विवाह की स्थापना की l यह केवल व्यक्तियों की आपसी सहायता के लिए नहीं थी बल्कि एक परिवार को शुरू करने और सृष्टि की देखभाल के लिए भी थी जिसमें अन्य लोग शामिल हैं (1:28) l उस पहले परिवार से एक समुदाय आया ताकि चाहे वह विवाहित हो या एकल, वृद्ध या युवा, हममें से कोई भी अकेला नहीं होगा l एक समुदाय के रूप में, परमेश्वर ने हमें “एक दूसरे का भार” (गलतियों 6:2) उठाने का विशेषाधिकार दिया है l

उसने मुझे बदल दिया

जब जॉन, जो लन्दन में सबसे बड़ा वैश्यालय चलाता था, को जेल भेज दिया गया, वह झूठे तौर पर विश्वास करता था कि मैं एक अच्छा आदमी हूँ l वहाँ रहते हुए, उसने जेल में बाइबल अध्ययन में भाग लेने का फैसला किया क्योंकि वहां केक और कॉफ़ी मिलती थी, लेकिन वह इस बात से चकित था कि दूसरे कैदी कितने खुश लगते थे l उसने पहले गाने के दौरान रोने लगा और बाद में एक बाइबल प्राप्त की l नबी यहेजकेल की पुस्तक से पढ़ने के कारण वह बदल गया,  मानों “उस पर बिजली गिर गयी हो l” उसने पढ़ा, “फिर जब दुष्ट अपने दुष्ट कामों से फिरकर, न्याय और धर्म के काम करने लगे, तो वह . . . इस कारण न मरेगा, जीवित ही रहेगा” (18:27-28) l परमेश्वर का वचन उसके लिए जीवित हो गया और उसने महसूस किया, “मैं एक अच्छा व्यक्ति नहीं था . . . मैं दुष्ट था और मुझे बदलने की ज़रूरत थी l” पास्टर के साथ प्रार्थना करते समय, उसने कहा, “मैंने यीशु मसीह को पाया और उसने मुझे बदल दिया l”

यहेजकेल के ये शब्द परमेश्वर के लोगों से कहे गए थे जब वे निर्वासन में थे l यद्यपि वे लोग परमेश्वर से विमुख हो गए थे, उसकी यह इच्छा थी कि वे अपने अपराध को त्याग दें और “अपने मन और अपनी आत्मा बदल [डालें]” (पद..31) l उन शब्दों ने जॉन को “पश्चाताप [करने]” और “जीवित [रहने दिया]”, जब उसने यीशु का अनुसरण किया, जिसने पापियों को मन फिराने के लिए बुलाया (लूका 5:32) l

हम भी पवित्र आत्मा द्वारा पाप के प्रति कायल किये जाने का प्रत्युत्तर दें, ताकि हम भी क्षमा और छुटकारा का आनंद ले सकें l

साथ में हम जीतते हैं

आधी रात में, पास्टर सैमुएल को एक फोन आया जिसमें उन्हें एक चर्च के सदस्य के घर पर आने के लिए कहा गया l जब वह वहां पहुंचे, तो उन्हें आग से घिरा हुआ एक घर मिला l हलाकि, पिता खुद जल गया था, अपने बच्चे को बचाने के लिए घर में वापस लौट गया था और एक बेहोश बेटी के साथ बाहर आया l इस ग्रामीय गाँव में, हॉस्पिटल 10 किलोमीटर दूर था l कोई परिवहन उपलब्ध नहीं होने से पास्टर और पिता बच्चे को लेकर हॉस्पिटल की ओर दौड़ने लगे l जब उनमें से एक घायल लड़की को गोद में लिए हुए थक जाता था, तो दूसरा उसे सम्भाल लेता था l दोनों ने मिलकर यात्रा पूरी की; पिता और उसकी बेटी का इलाज किया गया और दोनों पूरी तरह से ठीक हो गए l

निर्गमन 17:8-13 में यहोवा ने एक महान विजय प्राप्त की, जिसमें यहोशु का प्रयास भी शामिल था, जिसने युद्ध के मैदान में पुरुषों का नेतृत्व किया; और मूसा, जिसने परमेश्वर की लाठी को पकडे हुए अपने हाथों को उठाए रखा l जब मूसा के हाथ थक गए, तो हारून और हूर ने सूर्य के अस्त होने और शत्रु के पराजय तक मूसा के हाथों को उठाकर रखने में एक दूसरे की मदद की l

परस्पर निर्भरता के मूल्य को कभी भी कम नहीं आँका जा सकता है l परमेश्वर, अपनी दयालुता में, लोगों को पारस्परिक रूप से अच्छे के लिए अपने एजेंट के रूप में प्रदान करता है l सुनने वाले कान और सयायक हाथ; बुद्धिमान, सुकून देने वाले और सुधारने वाले शब्द - ये और अन्य संसाधन हमारे पास और हमारे माध्यम से दूसरों तक पहुँचते हैं l एक साथ हम जीतते हैं और परमेश्वर को महिमा मिलती है!

स्वर्ग के दृष्टिकोण

जब 1970 के दशक में पीटर वेल्च एक युवा लड़का था, तो मेटल डिटेक्टर का उपयोग केवल एक शौक था l लेकिन 1990 के बाद से, वह मेटल डिटेक्टिंग अभियान पर दुनिया भर के लोगों का नेतृत्व कर रहा है l उन्होंने हज़ारों खोजें की हैं – तलवारें, प्राचीन गहने, सिक्के l “गूगल अर्थ,” एक कंप्यूटर प्रोग्राम जो उपग्रह इमेजरी(चित्र) पर आधारित है का उपयोग करते हुए, वे यूनाइटेड किंगडम में खेतों के भूदृश्य में आकृतियों(patterns) की तलाश करते हैं l यह उन्हें दिखाता है कि सदियों पहले कहाँ पर सड़कें, इमारतें और अन्य संरचनाएं थीं l पीटर कहते हैं, “ऊपर से एक परिप्रेक्ष्य में एक पूरी नयी दुनिया खुलती है l”

यशायाह के दिनों में परमेश्वर के लोगों को “ऊपर से एक परिप्रेक्ष्य” की आवश्यकता थी l वे उसके लोग होने पर गर्व करते थे, फिर भी वे अवज्ञाकारी थे और अपने मूर्तियों को त्यागने से इनकार के दिए l परमेश्वर के पास एक और दृष्टिकोण था l उनके विद्रोह के बावजूद, वह उन्हें बाबुल के दासत्व से छुड़ाने वाला था l क्यों? “अपने निमित्त . . . अपनी महिमा मैं दूसरे को नहीं दूंगा” (यशायाह 48:11) l ऊपर से परमेश्वर का दृष्टिकोण है कि जीवन उसकी महिमा और उद्देश्य के लिए है – हमारा नहीं l हमारा ध्यान उस पर और उसकी योजनाओं पर होना चाहिये  और दूसरों को भी बताएँ कि वे भी उसकी प्रशंसा करें  l  

हमारे अपने जीवन के परिप्रेक्ष्य के रूप में परमेश्वर की महिमा एक पूरी नयी दुनिया को खोलता है l केवल वह जानता है कि हम उसके बारे में क्या खोज करेंगे और वह हमारे लिए क्या है l परमेश्वर हमें सिखाएगा कि हमारे लिए अच्छा क्या है और हमें उन रास्तों पर चलाएगा जिनका हमें अनुसरण करना चाहिये (पद.17) l