दक्षिण अमरीका में जोएना नाम की एक महिला मसीह के सुसमाचार द्वारा जेलों में कैदियों के लिए आशा लाने के लिए उत्सुक थी l जोएना प्रतिदिन कैदियों से मुलाकात करने लगी, और उनको क्षमा और मेल मिलाप का सरल सुसमाचार सुनाने लगी l उसने उनका विश्वास जीत लिया, और उन्हें अपने अपमानजनक बचपन के बारे में बात करने के लिए तैयार किया, और उन्हें संघर्षों को हल करने का एक बेहतर तरीका दिखाया l उसकी मुलाक़ात आरम्भ होने वाले वर्ष से पहले, जेल में बंदियों और सुरक्षाकर्मियों के विरुद्ध हिंसा की 279 घटनाएँ पंजीकृत की गई; जो अगले वर्ष केवल दो थीं l

प्रेरित पौलुस ने लिखा, “यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है : पुरानी बातें बीत गई है; देखो, सब बातें नई हो गई हैं” (2 कुरिन्थियों 5:17) l हालाँकि हम हमेशा उस नयेपन को  देख नहीं सकते हैं जिस तरह जोएना ने नाटकीय रूप से दर्शाया, पर रूपांतरित करने की सुसमाचार की सामर्थ्य सबसे बड़ी आशा है – विश्व में बल देनेवाली l नई सृष्टि l कितनी अद्भुत सोच है! यीशु की मृत्यु ने हमें उसके जैसा बनने के सफ़र पर उतारा है – एक ऐसा सफ़र, जिसका समापन तब होगा जब हम उसे आमने-सामना देखेंगे (देखें 1 युहन्ना 3:1-3) l

यीशु में विश्वासियों के रूप में हम अपने जीवन को नई  सृष्टि के रूप में मनाते हैं l फिर भी हमें कभी भी इस बात से ध्यान नहीं हटाना चाहिये कि मसीह की क़ीमत क्या है l उसकी मृत्यु से हमें जीवन मिलता है l “जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिए पाप ठहराया कि हम उसमें होकर परमेश्वर की धार्मिकता बन जाएँ” (2 कुरिन्थियों 5:21) l