हाल ही में अमेरिका के एक शहर में कुछ खाली भूखंडों को साफ़ करके उसमें खुबसूरत फूल और हरे पौधे लगाए गए l इससे इस पड़ोस के निवासियों के समग्र मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा और उनके जीवन के दृष्टिकोण में सुधार हुआ l
अमेरिका के एक प्रसिद्ध कॉलेज के एक प्रोफेसर ने कहा है “ऐसे सबूतों की बढ़ती हुई संख्या है जो यह बताती है कि हरित स्थान मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती है, और यह विशेष रूप से गरीब पड़ोस में रहने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है l”
इस्राएल और यहूदा के कुचले हुए लोगों को यशायाह भविष्यवक्ता के दर्शन द्वारा तरोताज़ा आशा मिली कि परमेश्वर उनको खुबसूरत तरीके से पुनर्स्थापित करेगा l सभी विनाश और न्याय के बीच में, जो यशायाह ने भविष्यवाणी की थी, इस उज्ज्वल प्रतिज्ञा ने जड़ जमा ली : “जंगल और निर्जल देश प्रफुल्लित होंगे, मरुभूमि मगन होकर केसर के समान फूलेगी l वह अत्यंत प्रफुल्लित होगी और आनंद के साथ जयजयकार करेगी” (यशायाह 35:1-2) l
आज हमारी जो भी स्थिति हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, हम भी अपने स्वर्गिक पिता के खुबसूरत तरीकों से आनन्दित हो सकते हैं जो हमें नई आशा के साथ पुनर्स्थापित करता है, जिसमें उसकी सृष्टि शामिल है l जब हम उदास महसूस करते हैं, तो उसकी महिमा और वैभव पर विचार करना हमें संभालेगा l यशायाह ने प्रोत्साहित किया, “ढीले हाथों को दृढ़ करो और थरथराते हुए घुटनों को स्थिर करो” (पद.3) l
क्या कुछ फूल हमारी आशा को पुनः प्रज्वलित कर सकते हैं? एक नबी ने हाँ कहा l इसी प्रकार हमारे आशा-देनेवाले परमेश्वर ने भी l
जब आप आशाहीन महसूस करते हैं, तो आप आमतौर पर किस तरह प्रत्युत्तर देते हैं? किस तरह परमेश्वर की सृष्टि में बाहर समय बिताना आपकी निराशा को परमेश्वर में नवीकृत आशा में बदल दे सकता है?
प्रिय परमेश्वर, आपकी सृष्टि के वैभव के लिए धन्यवाद, जो मुझे आपकी महिमा की ओर इंगित करती है, और आप में मेरी आशा को जागृत करती है l