2013 में, ब्रिटिश शाही नौसैनिक दिग्गज सत्तर वर्षीय जेम्स मैककोनेल का निधन हो गया l मैककोनेल का कोई परिवार नहीं था, और उनके वृद्धाश्रम के कर्मचारियों को डर था कि कोई भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होगा l मैककोनेल की यादगार(memorial) सेवा को संचालित करने के लिए नियुक्त किए गए एक व्यक्ति ने एक फेसबुक संदेश पोस्ट किया : “इस दिन और इस उम्र में यह काफी दुखद है कि किसी को भी इस दुनिया को छोड़ना है जिनकी मृत्यु पर कोई शोक करने वाला नहीं है, लेकिन यह व्यक्ति एक परिवार था . . . यदि आप इसके अंतिम संस्कार में अपना सम्मान देने के लिए उपस्थित हो सकते हैं जो पूर्व नौसैनिक था तो कृपया ज़रूर उपस्थित हों l” दो सौ शाही सैनिक उपस्थित हुए!
इन ब्रिटिश हमवतन लोगों ने एक बाइबिल सत्य दिखाया : “देह में एक हो अंग नहीं परन्तु बहुत से हैं,” पौलुस कहता है (1 कुरिन्थियों 12:14) l हम अकेले नहीं हैं l ठीक इसके विपरीत : हम यीशु में बंधे हुए हैं l पवित्रशास्त्र जैविक अंतरसंबंध का खुलासा करता है : यदि एक अंग दुःख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दुःख पाते हैं” (पद.26) l यीशु के विश्वासियों के रूप में, परमेश्वर के नए परिवार के सदस्य, हम मिलकर पीड़ा में, दुःख में, उन अँधेरे स्थानों में, जहाँ हम अकेले जाने से डरेंगे, ओर बढ़ते हैं l लेकिन शुक्र है कि हम अकेले नहीं जाते l
शायद दुख का सबसे बुरा हिस्सा वह है जब हम महसूस करते हैं कि हम अकेले ही अंधेरे में डूब रहे हैं l हालाँकि, परमेश्वर एक नया समुदाय बनाता है जो मिलकर दुःख उठता है l एक नया समुदाय जहां किसी को अंधेरे में नहीं छोड़ा जाना चाहिए l
आपने सबसे ज्यादा अकेला कब महसूस किया है? परमेश्वर की कृपा, दया और मित्रता आपको अकेलेपन से निपटने में कैसे मदद करती है?
क्या यह सच है, परमेश्वर? क्या आपने मुझे वास्तव में एक नए समुदाय में रखा है जो मुझे जानता है और मेरे दुख में मुझसे प्यार करता है? इस पर विश्वास करने में मेरी मदद करें l
दुःख उठाने के विषय और सीखने के लिए, christianuniversity.org/ca211 पर जाएँ l