अगर वायरलेस रेडियो चालू होता,  तो उन्हें पता चल जाता कि टाइटैनिक  डूब रहा है l  एक अन्य जहाज के रेडियो ऑपरेटर सिरिल इवांस ने टाइटैनिक  के रेडियो ऑपरेटर जैक फिलिप्स को एक संदेश भेजने की कोशिश की थी – उन्हें बताने के लिए कि वे बर्फ के एक बड़े तैरते टुकड़े का सामना कर चुके हैं l  लेकिन टाइटैनिक का रेडियो ऑपरेटर यात्रियों के संदेशों को आगे भेजने में व्यस्त था और उसने उसे रुखाई से चुप रहने को कहा l  इसलिए दूसरे ऑपरेटर ने अनिच्छा से अपने रेडियो को बंद कर दिया और सोने चला गया l  दस मिनट बाद,  टाइटैनिक  ने बर्फ के एक चट्टान से टकराया l उनके संकट के संकेत के कोई उत्तर नहीं मिले  क्योंकि कोई भी नहीं सुन रहा था l

1 शमूएल में हमने पढ़ा कि इस्राएल के याजक भ्रष्ट थे और राष्ट्र के खतरे में पड़ने के कारण उनकी आध्यात्मिक दृष्टि और सुनने की शक्ति ख़त्म हो गए थे l  “उन दिनों में यहोवा का वचन दुर्लभ था, और दर्शन कम मिलता था” (1 शमूएल 3:1) l  फिर भी परमेश्वर  अपने लोगों को नहीं छोड़ने वाला था l  उसने शमूएल नाम के एक युवा लड़के से बात करनी शुरू की,  जिसका पालन पोषण  याजक के घर में किया जा रहा था l  शमूएल के नाम का अर्थ है “परमेश्वर सुनता है” – परमेश्वर द्वारा उसकी माँ की प्रार्थना सुनने का स्मारक l लेकिन शमूएल को सीखना था कि परमेश्वर को कैसे सुनना होगा l

“कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है l” (पद.10) l यह दास ही है जो सुनता है l हम भी सुनने और पवित्रशास्त्र में परमेश्वर द्वारा प्रगट बातों को माने l आइये हम उसको अपना जीवन समर्पित करें और दीन सेवकों की तरह व्यवहार करें  – जिनके “रेडियो” चालू हैं l