हाल ही में मैंने द्वितीय विश्व-युद्ध के पत्रों के ढेर में से पढ़ा, जो मेरे पिताजी ने मेरी माँ को भेजे थे l वह उत्तरी अफ्रीका में थे और वह अमेरिका में थी l पिताजी, जो अमेरिकी सेना में सेकेण्ड लेफ्टिनेंट थे, को सैनिकों की चिट्ठियों को जांचने का काम सौंपा गया था – दुश्मन की आँखों से संवेदनशील जानकारी गुप्त रखते हुए l इसलिए यह देखना मज़ेदार था – अपनी पत्नी को लिखे पत्रों के बाहर – एक मोहर लगा होता था जिसमें लिखा होता था, “2nd लेफ्टिनेंट जॉन ब्रैन (मेरे पिता का नाम) द्वारा सेंसर/निरीक्षण किया हुआ l” वास्तव में, उन्होंने   अपने पत्रों से लाइनें काट दी थीं!

स्व-जाँच(Self-censoring) वास्तव में हम सभी के लिए एक अच्छा विचार है l पवित्रशास्त्र में कई बार,  लेखक यह जानने के लिए कि क्या सही नहीं है, जिससे परमेश्वर को सम्मान नहीं मिल रहा है,  खुद पर एक अच्छा नज़र रखने के महत्व का उल्लेख करता है l उदाहरण के लिए,  भजनकार ने प्रार्थना की, “मुझे जांच कर जान ले . . . और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं” (भजन :23-24) l  देखें कि क्या मुझमें कोई अपमानजनक मार्ग है ”(भजन 139:23–24) l यिर्मयाह ने इसे इस तरह लिखा : “हम अपने चालचलन को ध्यान से परखें, और यहोवा की ओर फिरें” (विलापगीत 3:23) l और पौलुस ने प्रभु भोज के समय हमारे हृदयों की स्थिति के विषय लिखते हुए, कहा, “मनुष्य अपने आप को जांच ले” (1 कुरिन्थियों 11:28) l

पवित्र आत्मा हमें किसी भी दृष्टिकोण या कार्यों से फिरने में मदद कर सकता है जो परमेश्वर को खुश नहीं करते हैं l इससे पहले कि हम आज दुनिया में प्रवेश करें,  आइये हम रुकें और स्व-जाँच करने के लिए आत्मा की मदद प्राप्त करें ताकि हम उसके साथ संगति में “प्रभु के पास लौट सकें l”