लोग “लहर(the wave” करना पसंद करते हैं l दुनिया भर में खेल की घटनाओं और समारोहों में, यह तब शुरू होता है जब कुछ लोग खड़े होकर अपना हाथ उठाते हैं l एक क्षण बाद,  उनके पास बैठे लोग भी ऐसा ही करते हैं l लक्ष्य है कि एक पूरे प्रवाह के दौरान एक क्रमिक प्रवाहित गति अपना काम करे l एक बार जब यह अंत तक पहुँच जाता है,  तो इसे शुरू करने वाले लोग मुस्कुराते हैं और खुश होते हैं और गति को जारी रखते हैं l

लहर की पहली दर्ज की गई घटना 1981 में अमेरिका में एक पेशेवर खेल कार्यक्रम में हुई थी l  मुझे इस लहर में शामिल होना पसंद है क्योंकि यह मजेदार है l लेकिन मेरे साथ यह भी हुआ कि यह करते हुए हमें जो खुशी और साथ का अनुभव होता है,  वह सुसमाचार की याद दिलाता है – यीशु में उद्धार की अच्छी खबर जो प्रशंसा और आशा में हर जगह विश्वासियों को एकजुट करती है l यह “अंतिम लहर(ultimate wave)” यरूशलेम में बीस सदी पहले शुरू हुई थी l  कुलुस्से के चर्च के सदस्यों को लिखते हुए, पौलुस ने इसे इस तरह वर्णित किया : “[सुसमाचार] फल लाता और बढ़ता जाता है, वैसे ही जिस दिन से तुम ने उसको सुना और सच्चाई से परमेश्वर का अनुग्रह पहिचाना है, तुम में भी ऐसा ही करता है”(कुलुस्सियों 1:6) l इस शुभ समाचार का स्वाभाविक नतीजा है, “ आप का विश्वास और प्रेम उस आशा पर आधारित है, जो स्वर्ग में आपके लिए सुरंक्षित है”(पद.5 Hindi-C.L.) l

यीशु में विश्वासियों के रूप में,  हम इतिहास की सबसे बड़ी लहर का हिस्सा हैं l चलते रहने दें! एक बार इसके पूरा हो जाने के बाद,  हम उस व्यक्ति की मुस्कान देखेंगे, जिसने इसे शुरू किया था l