जब मेरे बड़े बेटे को एक कठिन स्थिति का सामना करना पड़ा, तो मैंने उसे अपने पिता की बेरोजगारी के वर्ष के दौरान परमेश्वर की निरंतर देखभाल और प्रावधान के बारे में याद दिलाया । मैंने उस समय को याद किया जब परमेश्वर ने हमारे परिवार को मजबूत किया और हमें शांति दी, जबकि मेरी माँ अधिश्वेतरक्तता/ल्युकेमिया(leukemia) से अपनी लड़ाई हार गई । पवित्रशास्त्र में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता की कहानियों को उजागर करते हुए, मैंने पुष्टि की कि वह अपना वचन रखने में भला था । मैं अपने बेटे को हमारे परिवार की ईश्वर-प्रशस्त स्मृति पथ पर ले गयी, उसे उन तरीकों के बारे में याद दिलाती रही, जब वह हमारे घाटी और पर्वतीय क्षणों में विश्वसयोग्य रहा l चाहे हम संघर्ष कर रहे थे या जश्न मना रहे थे, परमेश्वर की उपस्थिति, प्यार और अनुग्रह पर्याप्त साबित हुए ।

हालाँकि मैं इस विश्वास को मजबूत करने की रणनीति को मेरा होने का दावा करना चाहता हूं, लेकिन परमेश्वर ने भविष्य की पीढ़ियों के विश्वास को प्रेरित करने के लिए कहानियों को साझा करने की आदत को अभिकल्पित किया है । जैसा कि इस्राएलियों को याद था कि उन्होंने अतीत में परमेश्वर को करते देखा था, उसने भरोसे के रास्ते के पत्थरों को उनकी दिव्य स्मृति वाली गलियों में लगाया l

इस्राएलियों ने परमेश्वर को उसके वादों के प्रति सच्चा देखा था जब उन्होंने उसका पालन किया था (व्यवस्थाविवरण 4:3–6) । उसने हमेशा उनकी प्रार्थनाओं को सुना और उत्तर दिया (पद.7) । युवा पीढ़ियों के साथ आनन्द और स्मरण करते हुए (पद.9), इस्राएलियों ने एकमात्र सच्चे परमेश्वर द्वारा उच्चारित एवं संरक्षित पवित्र शब्दों को साझा किया (पद.10) l

जब हम अपने महान ईश्वर की महिमा, दया, और अंतरंग प्रेम के बारे में बताते हैं, हमारे दृढ़ विश्वास और दूसरों का विश्वास उसकी स्थायी विश्वसनीयता की पुष्टि से मजबूत किया जा सकता है ।