“इसमें बस इतना ही करना है!” मैगी ने कहा । उसने अपने फूल के पौधे से एक तने को काट लिया था, उसने कटे हुए सिरे को शहद में डुबो दिया, और उसे कम्पोस्ट खाद से भरे बर्तन में गाड़ दिया । मैगी मुझे सिखा रही थी कि कैसे इन फूलों को बढ़ाया जाए : कैसे एक स्वस्थ पौधा से कई पौधे बनाए जाएँ, ताकि मेरे पास दूसरों के साथ साझा करने के लिए फूल हों । शहद, उसने कहा, छोटे पौधे की जड़ें उगाने में मदद करता है ।

उसको काम करते हुए देखकर, मुझे आश्चर्य हुआ कि किस तरह की चीजें हमें आध्यात्मिक जड़ें जमाने में मदद करती हैं । विश्वास के मजबूत, फलने-फूलने में परिपक्व लोग होने में हमें क्या मदद करती है? क्या हमें मुरझाने नहीं देती या विकास करने में मदद करता है? पौलुस, इफिसियों को लिखते हुए कहता है कि हम “प्रेम में जड़ पकड़कर और नेव डालकर” जड़वत हैं (इफिसियों 3:17) । यह प्रेम परमेश्वर से आता है, जो हमें पवित्र आत्मा देकर हमें मजबूत बनाता है । मसीह हमारे दिलों में निवास करता है l और जब हम “समझने की शक्ति [पाते हैं] कि उसकी(मसीह का प्रेम) चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊँचाई, और गहराई कितनी है” (पद.18), तो हम परमेश्वर की उपस्थिति का एक समृद्ध अनुभव प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि हम “परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण” हैं (पद.19 AMP) ।

आध्यात्मिक रूप से बढ़ने में परमेश्वर के प्रेम में जड़वत होना जरूरी है – इस सत्य का ध्यान करते हुए कि हम परमेश्वर के प्रिय हैं जो “हमारी विनती और समझ से कही अधिक काम कर सकता है” (पद.20) । हमारे विश्वास का कितना अविश्वसनीय आधार!