अमेरिका में एक दो साल का बच्चा लापता हो गया । फिर भी उसकी माँ के आपातकालीन कॉल के तीन मिनट के भीतर, एक वकील ने उसे मेले में घर से सिर्फ दो भवन समूह दूर पाया । उसकी माँ ने वादा किया था कि वह उस दिन बाद में अपने दादाजी के साथ जा सकता था l  लेकिन उसने अपना खिलौना ट्रैक्टर वहाँ तक चलाया था, और उसे अपनी पसंदीदा झूले के निकट खड़ा कर दिया था । जब लड़का सुरक्षित घर आया, तो उसके पिता ने समझदारी से खिलौने की बैटरी निकाल दी ।

यह छोटा लड़का वास्तव में स्मार्ट था, जहां वह जाना चाहता था, लेकिन दो साल के बच्चे एक और महत्वपूर्ण गुण भूल रहे हैं : बुद्धि l और वयस्कों के रूप हमें भी कभी-कभी इसकी कमी होती है । सुलैमान, जिसे अपने पिता दाऊद द्वारा राजा नियुक्त किया गया था(1 राजा  2), ने स्वीकार किया कि वह एक बच्चे की तरह महसूस कर रहा था l परमेश्वर ने उसे एक सपने में दिखाई दिया और कहा, “जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूँ, वह मांग” (3:5) । उसने जवाब दिया, “मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता . . . तू अपने दास को अपनी प्रजा का न्याय करने के लिए समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूँ : क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?” (पद.7–9) । परमेश्वर ने सुलैमान को “परमेश्वर ने सुलैमान को . . . समुद्र तट की बालू के किनकों के तुल्य अनगिनित हूँ दिए” (4:29) ।

हमें वह ज्ञान कहाँ से मील सकता है जिसकी हमें आवश्यकता है? सुलैमान ने कहा कि परमेश्वर का भय मानना “बुद्धि” का आरंभ हैं (नीतिवचन 9:10) l इसलिए हम उसे हमें सिखाने से आरम्भ कर सकते हैं कि हमें अपने विषय सिखाएँ और हमारी बुद्धि से परे हमें बुद्धि दें l