इतिहास में सबसे लंबे समय तक दर्ज किए गए डाक विलंब में से एक नवासी साल तक का था l  2008 में यूके में एक घर के मालिक को एक पार्टी का निमंत्रण मिला जो मूल रूप से 1919 में उसके पते के एक पूर्व निवासी को भेजा गया था । उस निमंत्रण पत्र को रॉयल मेल के माध्यम से उसके लेटरबॉक्स में रखा गया था, लेकिन इसके लंबे विलंब के पीछे का कारण एक रहस्य बना हुआ है ।

यहां तक ​​कि संचार के सर्वोत्तम मानवीय प्रयास भी कभी-कभी हमें निराश करते हैं, लेकिन पवित्रशास्त्र यह स्पष्ट करता है कि परमेश्वर अपने विश्वासी लोगों को सुनने में कभी विफल नहीं होता है । 1 राजा 18 में, एलिय्याह ने मूर्तिपूजक बाल देवता और यहोवा परमेश्‍वर के बीच असाधारण विरोधाभास का प्रदर्शन किया । बाल के नबियों द्वारा घंटों प्रार्थना करने के बाद, सच्चा परमेश्वर कौन था, यह प्रदर्शित करने के लिए, एलिय्याह ने उनका ठट्ठा किया : “ऊंचे शब्द से पुकारो, वह तो देवता है; वह तो ध्यान लगाए होगा, या कहीं  गया होगा, या यात्रा में होगा या हो सकता है कि सोता हो और उसे जगाना चाहिये” (पद.27) l तब एलिय्याह ने यहोवा से उत्तर के लिए प्रार्थना की ताकि उसके लोग विश्वास में लौट आएँ, और परमेश्वर की सामर्थ्य स्पष्टता से प्रदर्शित हुई ।

यद्धपी हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर हमेशा एलिय्याह के समान नहीं मिल सकती है, हम आश्वस्त हो सकते हैं कि परमेश्वर उन्हें सुनता है (भजन 34:17) । बाइबल हमें याद दिलाती है कि वह हमारी प्रार्थनाओं को इस कदर संजोता है कि वह उन्हें “सुनहरे कटोरों” में अनमोल धूप की तरह रखता है (प्रकाशितवाक्य 5:8) । परमेश्वर हर प्रार्थना का जवाब अपनी पूर्ण बुद्धि और तरीके से देगा । स्वर्ग में कोई खोए हुए पत्र नहीं हैं ।