जीवन की आतिशबाजी
नए साल की पूर्व संध्या पर, जब दुनिया भर के शहरों और कस्बों में उच्च शक्ति वाले पटाखे फटते हैं, तो शोर उद्देश्यपूर्ण जोरदार होता है । निर्माताओं का कहना है, अपने स्वभाव से, आकर्षक आतिशबाजी का उद्देश्य ही यही है, वास्तव में, वातावरण को फाड़ देना l "पुनरावर्तक" विस्फोट सबसे ज़ोर की आवाज़ कर सकते हैं, खासकर जब जमीन के पास विस्फोट किया गया हो ।
परेशानियाँ भी, हमारे दिल, दिमाग और घरों में उफान मार सकती हैं । जीवन की "आतिशबाजी" – परिवारिक संघर्ष, रिश्ते की समस्याएं, काम की चुनौतियां, वित्तीय तनाव, यहां तक कि चर्च विभाजन/मतभेद - विस्फोटों की तरह महसूस हो सकते हैं, हमारे भावनात्मक वातावरण को खड़खड़ा देते हैं l
फिर भी हम उस व्यक्ति को जानते हैं जो हमें इस कुहराम से ऊपर उठाता है l खुद मसीह ही “हमारा मेल है,” पौलुस ने इफिसियों 2:14 में लिखा है । जब हम उसकी उपस्थिति में रहते हैं, तो उसकी शांति किसी भी व्यवधान से अधिक होती है, किसी भी चिंता, चोट, या असमानता के शोर को शांत करती है ।
यह यहूदियों और अन्यजातियों के लिए समान रूप से शक्तिशाली आश्वासन रहा होगा l वे एक समय “आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे” (पद.12) l अब वे सताव की धमकी और विभाजन के आंतरिक खतरों का सामना कर रहे थे l लेकिन मसीह में, उन्हें उसके निकट, और परिणामस्वरूप उसके खून से एक दूसरे के निकट लाया गया । “क्योंकि वही हमारा मेल है जिसने दोनों को एक कर लिया और अलग करनेवाली दीवार को जो बीच में थी ढा दिया” (पद.14) l
जब हम एक नए साल की शुरुआत करते हैं, क्षितिज पर अशांति और विभाजन के खतरों के साथ, तो जीवन के शोर भरे परीक्षाओं से मुँह फेर कर अपनी सर्वदा-उपस्थित शांति की तलाश करें । वह धमाके को शांत करता है, हमें चंगा करता है l
सच्ची सफलता
मेरे साक्षात्कार के अतिथि ने विनम्रता से मेरे सवालों का जवाब दिया । हालाँकि, मुझे लग रहा था कि हमारी बातचीत के पीछे कुछ छुपी हुई है l एक गुजरती टिप्पणी ने इसे बाहर ला दिया l
"आप हजारों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं," मैंने कहा ।
"हजारों नहीं," उन्होंने कहा । "लाखों ।"
और जैसे कि मेरी अज्ञानता पर तरस खाते हुए, मेरे अतिथि ने मुझे अपनी साख/प्रत्यायक याद दिलायी – उपाधियाँ जो उनके पास थीं, चीजें जो उन्होंने हासिल की थीं, वह पत्रिका जो उन्होंने गढ़ी/सजाई थी । यह एक अजीब क्षण था ।
उस अनुभव के बाद से, मैं इस बात से प्रभावित हुआ कि परमेश्वर ने सीनै पर्वत पर खुद को मूसा के सामने कैसे प्रकट किया (निर्गमन 34:5-7) । यहाँ पर कायनात और मानवता का न्यायी था, लेकिन परमेश्वर ने अपनी संज्ञा, अपने नाम का उपयोग नहीं किया । यहां 100 बिलियन/असंख्य आकाशगंगाओं का रचयिता था, लेकिन इस तरह की योग्यताओं का उल्लेख भी नहीं किया गया था । इसके बजाय, परमेश्वर ने स्वयं को “दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवंत, और अति करुणामय और सत्य” के रूप में पेश किया (पद.6) l जब वह प्रगट करता है कि वह कौन है, तो वह अपनी उपाधियों या उपलब्धियों को सूचीबद्ध नहीं करता है लेकिन उसके पास जिस तरह का चरित्र है ।
परमेश्वर की छवि में बनाए हुए और उसके उदाहरण का पालन करने के लिए बुलाए गए लोगों के रूप में (उत्पत्ति 1:27; इफिसियों 5:1-2), यह गंभीर है । उपलब्धि अच्छी है, उपाधियों का अपना स्थान है, लेकिन वास्तव में यह महत्वपूर्ण है कि हम कितने दयालु, अनुग्रहकारी, और प्रेमी बन रहे हैं l
उस साक्षात्कार अतिथि की तरह, हम भी अपने महत्व को उपलब्धियों पर आधारित कर सकते हैं l मैंने किया है l लेकिन हमारे परमेश्वर ने प्रतिमान बनाया है कि सच्ची सफलता क्या है – वह नहीं जो हमारे व्यवसाय कार्ड और रिज्युमे(resume) पर लिखा है, लेकिन हम उनके जैसे कैसे बन रहे हैं ।
अनदेखी वास्तविकताएँ
1876 में, मध्य इंडियाना में कोयला निकालने वाले पुरुषों ने सोचा कि उन्हें नरक के द्वार मिल गए हैं । इतिहासकार जॉन बार्लो मार्टिन की रिपोर्ट है कि छह सौ फीट पर, "भयानक आवाजों के बीच बदबूदार धूँआ निकल रहा था l” डर से कि उन्होंने “शैतान की गुफा के छत में छेद कर दिया था,” खनिकों ने अच्छी तरह से उस खदान/कूएं को बंद कर दिया और वापस घर चले गए l
बेशक, खनिक गलत थे - और कुछ साल बाद, वे फिर से छेद करके प्राकृतिक गैस से समृद्ध होने वाले थे । भले ही वे गलत थे, मैं खुद को उनसे थोड़ा ईर्ष्या करते हुए देखता हूँ l ये खनिक आध्यात्मिक संसार के बारे में जागरूकता के साथ जी रहे थे जो अक्सर मेरे खुद के जीवन से गायब है । मेरे लिए जीना आसान है जैसे कि अलौकिक और प्राकृतिक शायद ही कभी एक दूसरे की राह रोकते हैं और यह भूल जाना कि “हमारा यह मल्लयुद्ध लहू और मांस से नहीं, परन्तु . . . उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं” (इफिसियों 6:12) l
जब हम अपने संसार में बुराई को जीतते हुए देखते हैं, तो हमें उसके समक्ष समर्पण या अपनी सामर्थ्य से उससे लड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए । इसके बजाय, हम “परमेश्वर के सारे हथियार” बाँध लें (पद.13-18) l पवित्रशास्त्र का अध्ययन, अन्य विश्वासियों के साथ नियमित रूप से मिलना और दूसरों की भलाई को ध्यान में रखकर “शैतान की युक्तियों के सामने खड़े” रहें (पद.11) l पवित्र आत्मा से लैस, हम किसी भी चीज़ के सामने दृढ़ रह सकते हैं (पद.13) ।
खंडहरों का पुनःनिर्माण
सत्रह साल की उम्र में, ड्वेन को अपना पारिवारिक घर दक्षिण अफ्रीका छोड़ना पड़ा, क्योंकि उसकी चोरी और हेरोइन(heroin) की लत थी । वह अपनी माँ के घर के पिछवाड़े में नालीदार धातु की एक झोंपड़ी पूरा नहीं बना सका, जिसे जल्द ही कैसीनो(Casino), ड्रग्स के उपयोग की जगह के रूप में जाना जाने लगा । हालाँकि जब वह उन्नीस वर्ष का था, ड्वेन यीशु में विश्वास कर लिया l दवाओं से दूर होने का उसका सफर लंबा और थका देने वाला था, लेकिन वह परमेश्वर की मदद और यीशु में विश्वास रखने वाले दोस्तों के सहयोग से साफ-स्वच्छ हो गया । और ड्वेन ने कैसीनो का निर्माण करने के दस साल बाद, उसने और अन्य लोगों ने झोपड़ी को गृह कलीसिया में बदल दिया । जो एक समय एक अंधेरा और अपशकुनी स्थान था अब आराधना और प्रार्थना का स्थान है ।
इस चर्च के अगुवा यिर्मयाह 33 की ओर देखते हैं कि कैसे परमेश्वर लोगों और स्थानों पर आरोग्यता और बहाली ला सकता है, जैसा कि उसने ड्वेन और पूर्व कैसीनो के साथ किया है । नबी यिर्मयाह ने दासत्व में परमेश्वर के लोगों से बात करते हुए कहा कि हालाँकि शहर को बख्शा नहीं जाएगा, फिर भी परमेश्वर अपने लोगों को चंगा और "उनका पुनर्निर्माण" करेगा, उनके पाप से उनको साफ़ करेगा (यिर्मयाह 33:7-8) । तब वह नगर उसके लिए हर्ष और स्तुति और शोभा का कारण होगा (पद.9) l
जब हम उस पाप पर निराशा करने की परीक्षा में पड़ते हैं जिससे दिल टूटता है और टूटापन आ जाता है, तो यह प्रार्थना करना जारी रखें कि परमेश्वर आरोग्यता और आशा लाएगा, जैसा कि उसने मेननबर्ग के एक पिछवाड़े में किया है l