सत्रह साल की उम्र में, ड्वेन को अपना  पारिवारिक घर दक्षिण अफ्रीका छोड़ना पड़ा,  क्योंकि उसकी चोरी और हेरोइन(heroin) की लत थी । वह अपनी माँ के घर के पिछवाड़े में नालीदार धातु की एक झोंपड़ी पूरा नहीं बना सका, जिसे जल्द ही कैसीनो(Casino),  ड्रग्स के उपयोग  की जगह के रूप में जाना जाने लगा । हालाँकि जब वह उन्नीस वर्ष का था, ड्वेन यीशु में विश्वास कर लिया l दवाओं से दूर होने का उसका सफर लंबा और थका देने वाला था,  लेकिन वह परमेश्वर की मदद और यीशु में विश्वास रखने वाले दोस्तों के सहयोग से साफ-स्वच्छ हो गया । और ड्वेन ने कैसीनो का निर्माण करने के दस साल बाद,  उसने और अन्य लोगों ने झोपड़ी को गृह कलीसिया में बदल दिया । जो एक समय एक अंधेरा और अपशकुनी स्थान था  अब आराधना और प्रार्थना का स्थान है ।

इस चर्च के अगुवा यिर्मयाह 33 की ओर देखते हैं कि कैसे परमेश्वर लोगों और स्थानों पर आरोग्यता और बहाली ला सकता है,  जैसा कि उसने ड्वेन और पूर्व कैसीनो के साथ किया है । नबी यिर्मयाह ने दासत्व में परमेश्वर के लोगों से बात करते हुए कहा कि हालाँकि शहर को बख्शा नहीं जाएगा,  फिर भी परमेश्वर अपने लोगों को चंगा और “उनका पुनर्निर्माण” करेगा, उनके पाप से उनको साफ़ करेगा (यिर्मयाह 33:7-8) । तब वह नगर उसके लिए हर्ष और स्तुति और शोभा का कारण होगा (पद.9) l

जब हम उस पाप पर निराशा करने की परीक्षा में पड़ते हैं जिससे दिल टूटता है और टूटापन आ जाता है, तो यह प्रार्थना करना जारी रखें कि परमेश्वर आरोग्यता और आशा लाएगा,  जैसा कि उसने मेननबर्ग के एक पिछवाड़े में किया है l