क्षमा के साथ भविष्य
1994 में, जब दक्षिण अफ्रीका ने लोकतंत्र के लिए रंगभेद(अनिवार्य नस्लीय अलगाव) द्वारा शासित सरकार को छोड़ा, तो इस मुश्किल सवाल का सामना करना पड़ा कि रंगभेद के तहत किए गए अपराधों को कैसे संबोधित किया जाए l देश के अगुए अतीत को नजरअंदाज नहीं कर सकते थे, लेकिन केवल दोषियों पर कठोर दंड लगाने से देश के घावों को गहरा करने का जोखिम था l जैसे कि दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत एंग्लिकन आर्चबिशप, डेसमंड टूटू ने अपनी पुस्तक नो फ्यूचर विदाउट फॉरगिवनेस(No Future Without Forgiveness) में बताया, “हम बहुत अच्छी तरह से इन्साफ, सजा देनेवाला न्याय कर सकते थे, और दक्षिण अफ्रीका राख में पड़ा होता l”
सत्य और सुलह समिति की स्थापना के माध्यम से, नए लोकतंत्र ने सत्य, न्याय, और दया को आगे बढ़ाने का कठिन मार्ग चुना l अपराधों के दोषी लोगों को पुनर्स्थापन का मार्ग दिया गया - यदि वे अपने अपराधों को स्वीकार करने और बहाली/पुननिर्माण के लिए तैयार थे l केवल सच्चाई का सामना करने से ही देश चंगाई पाना आरम्भ कर सकता था l
एक तरह से, दक्षिण अफ्रीका की दुविधा, हम सभी के संघर्ष को दर्शाती है l हमें न्याय और दया दोनों का पालन करने के लिए कहा जाता है (मीका 6:8), लेकिन दया को अक्सर जवाबदेही की कमी के लिए गलत समझा जाता है, जबकि न्याय का पीछा करना बदला लेने में विकृत हो सकता है l
हमारा एकमात्र अग्रिम मार्ग प्रेम है जो न केवल “बुराई से घृणा [करता है]” (रोमियों 12:9) है बल्कि हमारे “पड़ोसी” (13:10) के परिवर्तन और भलाई के लिए भी तरसता है l मसीह की आत्मा की शक्ति के द्वारा, हम सीख सकते हैं कि भलाई से बुराई पर काबू पाने का भविष्य क्या है (12:21) ।
अपनी साहस को धारण करना
एंड्रयू एक ऐसे देश में रहता है जो सुसमाचार के लिए बंद है l जब मैंने पूछा कि वह अपने विश्वास को कैसे गुप्त रखता है, तो उसने कहा कि वह नहीं रखता है l वह एक बटन पहनता है जो उसके चर्च को विज्ञापित करता है, और जब भी वह गिरफ्तार होता है वह पुलिस को बताता है कि “उन्हें भी यीशु की आवश्यकता है l” एंड्रयू में हिम्मत है क्योंकि वह जानता है कि उसकी ओर कौन है l
एलिय्याह ने भयभीत होने से इनकार कर दिया, तब भी जब इस्राएल के राजा ने उसे गिरफ्तार करने के लिए पचास सैनिक भेजे (2 राजा 1:9) l नबी जानता था कि ईश्वर उसके साथ है, और उसने पलटन को भस्म करने वाली आग बुलायी l राजा ने और सैनिक भेजे, और एलियाह ने उसे दोहराया (पद.12) l राजा ने और भेजा, लेकिन तीसरा पलटन पहले वालों के बारे में सुन चुका था l कप्तान ने एलिय्याह से अपने सैनिकों के जीवन को बचाने की भीख मांगी l वह उनसे कभी भयभीत था की बजाय वे उससे कहीं अधिक भयभीत थे, इसलिए प्रभु के दूत ने एलिय्याह को बताया कि उनके साथ जाना सुरक्षित था (पद.13-15) l
यीशु नहीं चाहता कि हम अपने शत्रुओं पर आग बुलाएं l जब चेलों ने पूछा कि क्या वे एक सामरी गांव पर आग बुलाएं, तो यीशु ने उन्हें फटकार लगाई (लूका 9:51–55) l हम एक अलग समय में रह रहे हैं लेकिन यीशु चाहते हैं कि हमारे पास एलिय्याह का साहस हो - जो हर एक को उस उद्धारकर्ता के बारे में बताने के लिए तैयार हो जो उनके लिए मर गया l यह पचास के साथ एक व्यक्ति का मुकाबला करना महसूस हो सकता है, लेकिन यह वास्तव में पचास के साथ एक(यीशु) का मुकाबला है l यीशु हमें वही प्रदान करता है जो हमें साहसपूर्वक प्रेम करने और दूसरों तक पहुँचने के लिए आवश्यक है l
हांफना (Out of Breath)
मेरे घर के निकट एक गृह-सुधार स्टोर(home-improvement store) है, जिसके एक विभाग में एक बड़ा हरा बटन है l यदि कोई सहायक मौजूद नहीं है, तो आप बटन को दबा दें, जो एक टाइमर को शुरू कर देता है l यदि आपको एक मिनट के भीतर सेवा नहीं मिलती है, तो आपको अपनी खरीद पर छूट मिलती है l
हमें इस परिदृश्य में ग्राहक बनना पसंद है जो शीघ्र सेवा प्राप्त करता है l लेकिन त्वरित सेवा की मांग अक्सर कीमत मांगता है जिसे प्रदान करने की हमसे अपेक्षा की जाती है l इसलिए हममें से कई आज महसूस करते हैं कि हमारे काम शीध्र पूरे हों, लम्बे समय तक काम करना, कई बार अपने ईमेल देखना, और निर्धारित समय में काम समाप्त करने का अत्यधित तनाव महसूस करते हैं l गृह-सुधार की दुकान की ग्राहक सेवा संबंधी रणनीति ने हम सभों के जीवन में घुस कर, उतावलापन की संस्कृति उत्पन्न कर दी है l
जब परमेश्वर ने इस्राएलियों को सब्त रखने के लिए कहा, तो उसने एक महत्वपूर्ण कारण जोड़ा : “याद रखना कि मिस्र देश में तू आप दास था” (व्यवस्थाविवरण 5:15) l वहाँ उन्हें फिरौन के अत्यधिक समय की बाध्यता (निर्गमन 5: 6–9) के तहत लगातार काम करने के लिए मजबूर किया गया (निर्गमन 5:6-9) l अब स्वतंत्र होने के बाद, उन्हें सुनिश्चित करने के लिए कि वे और अन्य जो उनकी सेवा करते थे प्रत्येक सप्ताह खुद को एक पूरा दिन देकर आराम करेंगे (व्यवस्थाविवरण 5:14) l ईश्वर के शासन के तहत, किसी के चेहरे पर उत्तेजना या श्वास लें में कठिनाई नहीं होनी थी l
कितनी बार आप थकावट के बिंदु तक काम करते हैं या उन लोगों के साथ अधीर हो जाते हैं जो आपको इंतजार करवाते हैं? खुद को और एक-दूसरे को अवकाश दें l उतावलापन की संस्कृति फिरौंन की है, परमेश्वर की नहीं l
एक शक्तिशाली नदी
वाशिंगटन डीसी में अफ्रीकी अमेरिकी इतिहास और संस्कृति के राष्ट्रीय संग्रहालय में दासता और उसके बाद की कठोर वास्तविकता की खोज करने वाली कई प्रदर्शनियों और कलाकृतियों के बीच, मैं चिन्तनशील विचार स्थान(contemplative court) को खोजने के कारण प्रसन्नचित था । इस शांत कमरे में कांस्य के रंग की अर्ध पारदर्शी कांच की दीवारें हैं और पानी छत से कुंड में गिरता हुआ दिखाई देता है l
जब मैं उस शांतिपूर्ण स्थान पर बैठा था, दीवार पर डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर का एक उद्धरण(quote) ने मेरे ध्यान को खींच लिया : “हम न्याय के जल की तरह बरसने और धार्मिकता को शक्तिशाली नदी की तरह बहने तक काम करने और लड़ने के लिए दृढ़ हैं l ये शक्तिशाली शब्द पुराने नियम की पुस्तक अमोस से लिए गए हैं l
आमोस एक ऐसे लोगों के बीच रहने वाला नबी था, जो धार्मिक गतिविधियों में शामिल था, जैसे कि त्योहारों को मनाना और बलिदान देना, लेकिन जिनके मन परमेश्वर से दूर थे (आमोस 5:21–23) l परमेश्वर ने उनकी गतिविधियों को अस्वीकार कर दिया क्योंकि वे उनकी आज्ञाओं से दूर हो गए थे, जिनमें जरूरतमंदों और शोषितों के प्रति न्याय शामिल था l
धार्मिक समारोहों के बजाय ईश्वर और दूसरों के प्रति प्रेम से रहित, आमोस ने लिखा कि ईश्वर ने अपने लोगों के लिए सभी लोगों के कल्याण के लिए वास्तविक चिंता का प्रदर्शन करने की लालसा की - जीवन जीने का एक उदार तरीका जो जीवन में बहने वाली एक शक्तिशाली नदी होगी जहां भी वह बहती है l
यीशु ने यही सत्य सिखाया कि ईश्वर से प्रेम करना हमारे पड़ोसियों से प्यार करने से जुड़ा है (मत्ती 22:37-39) l जब हम ईश्वर से प्यार करना चाहते हैं, तो वह ऐसे हृदयों से निकले जिनमें न्याय भी है l