एंड्रयू एक ऐसे देश में रहता है जो सुसमाचार के लिए बंद है l जब मैंने पूछा कि वह अपने विश्वास को कैसे गुप्त रखता है,  तो उसने कहा कि वह नहीं रखता है l वह एक बटन पहनता है जो उसके चर्च को विज्ञापित करता है,  और जब भी वह गिरफ्तार होता है वह पुलिस को बताता है कि “उन्हें भी यीशु की आवश्यकता है l” एंड्रयू में हिम्मत है क्योंकि वह जानता है कि उसकी ओर कौन है l

एलिय्याह ने भयभीत होने से इनकार कर दिया,  तब भी जब इस्राएल के राजा ने उसे गिरफ्तार करने के लिए पचास सैनिक भेजे (2 राजा 1:9) l नबी जानता था कि ईश्वर उसके साथ है,  और उसने पलटन को भस्म करने वाली आग बुलायी l राजा ने और सैनिक भेजे,  और एलियाह ने उसे दोहराया (पद.12) l राजा ने और भेजा,  लेकिन तीसरा पलटन पहले वालों के बारे में सुन चुका था l कप्तान ने एलिय्याह से अपने सैनिकों के जीवन को बचाने की भीख मांगी l वह उनसे कभी भयभीत था की बजाय वे उससे कहीं अधिक भयभीत थे,  इसलिए प्रभु के दूत ने एलिय्याह को बताया कि उनके साथ जाना सुरक्षित था (पद.13-15) l

यीशु नहीं चाहता कि हम अपने शत्रुओं पर आग बुलाएं l जब चेलों ने पूछा कि क्या वे एक सामरी गांव पर आग बुलाएं,  तो यीशु ने उन्हें फटकार लगाई (लूका 9:51–55) l हम एक अलग समय में रह रहे हैं लेकिन यीशु चाहते हैं कि हमारे पास एलिय्याह का साहस हो – जो हर एक को उस उद्धारकर्ता के बारे में बताने के लिए तैयार हो जो उनके लिए मर गया l यह पचास के साथ एक व्यक्ति का मुकाबला करना महसूस हो सकता है,  लेकिन यह वास्तव में पचास के साथ एक(यीशु) का मुकाबला है l यीशु हमें वही प्रदान करता है जो हमें साहसपूर्वक प्रेम करने और दूसरों तक पहुँचने के लिए आवश्यक है l