वाशिंगटन डीसी में अफ्रीकी अमेरिकी इतिहास और संस्कृति के राष्ट्रीय संग्रहालय में दासता और उसके बाद की कठोर वास्तविकता की खोज करने वाली कई प्रदर्शनियों और कलाकृतियों के बीच, मैं चिन्तनशील विचार स्थान(contemplative court) को खोजने के कारण प्रसन्नचित था । इस शांत कमरे में कांस्य के रंग की अर्ध पारदर्शी कांच की दीवारें हैं  और पानी छत से कुंड में गिरता हुआ दिखाई देता है l

जब मैं उस शांतिपूर्ण स्थान पर बैठा था,  दीवार पर डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर का एक उद्धरण(quote) ने मेरे ध्यान को खींच लिया : “हम न्याय के जल की तरह बरसने और धार्मिकता को शक्तिशाली नदी की तरह बहने तक काम करने और लड़ने के लिए दृढ़ हैं l ये शक्तिशाली शब्द पुराने नियम की पुस्तक अमोस से लिए गए हैं l

आमोस एक ऐसे लोगों के बीच रहने वाला नबी था, जो धार्मिक गतिविधियों में शामिल था, जैसे कि त्योहारों को मनाना और बलिदान देना,  लेकिन जिनके मन परमेश्वर से दूर थे (आमोस 5:21–23) l परमेश्वर ने उनकी गतिविधियों को अस्वीकार कर दिया क्योंकि वे उनकी आज्ञाओं से दूर हो गए थे, जिनमें जरूरतमंदों और शोषितों के प्रति न्याय शामिल था l

धार्मिक समारोहों के बजाय ईश्वर और दूसरों के प्रति प्रेम से रहित,  आमोस ने लिखा कि ईश्वर ने अपने लोगों के लिए सभी लोगों के कल्याण के लिए वास्तविक चिंता का प्रदर्शन करने की लालसा की – जीवन जीने का एक उदार तरीका जो जीवन में बहने वाली एक शक्तिशाली नदी होगी जहां भी वह बहती है l

यीशु ने यही सत्य सिखाया कि ईश्वर से प्रेम करना हमारे पड़ोसियों से प्यार करने से जुड़ा है (मत्ती 22:37-39) l  जब हम ईश्वर से प्यार करना चाहते हैं,  तो वह ऐसे हृदयों से निकले जिनमें न्याय भी है l