इससे पहले कि ब्रिटिश पत्रकार जॉन मैकार्थी जो लेबनान के भीषण गृहयुद्ध के दौरान पाँच साल तक के लिए बंधक थे, उस आदमी से मिलते जिसने उनकी रिहाई के लिए बातचीत की, बीस लम्बे वर्ष बीत गए l अंततः जब मैकार्थी यू.एन. के दूत जियानडोमेनिको पिको से मिले,  तो मैकार्थी ने कहा, “मेरी स्वतंत्रता के लिए धन्यवाद!” उनके हार्दिक शब्दों में बहुत वजन था क्योंकि पिको ने मैकार्थी और अन्य लोगों की सुरक्षित स्वतंत्रता के लिए खतरनाक बातचीत के दौरान अपनी जान जोखिम में डाली थी l

हम विश्वासो लोग कड़े संघर्ष से प्राप्त की गयी स्वतंत्रता से खुद को सम्बद्ध कर सकते हैं l यीशु ने अपना जीवन त्याग दिया – एक रोमी क्रूस पर मृत्यु सहन करके – सभी लोगों के लिए आत्मिक स्वतंत्रता निश्चित करने के लिए जिसमें हम सब शामिल हैं l अब उसके बच्चों के रूप में,  हम जानते हैं कि “मसीह ने स्वतंत्रता के लिए हमें स्वतंत्र किया है,” प्रेरित पौलुस दृढ़तापूर्वक घोषणा करता है (गलातियों 5:1) l

यूहन्ना का सुसमाचार भी मसीह में स्वतंत्रता की शिक्षा देता है,  ध्यान देते हुए, “यदि पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्वतंत्र हो जाओगे” (यूहन्ना 8:36) l

लेकिन किन तरीकों में स्वतंत्र? यीशु में,  हम न केवल पाप और हम पर उसकी पकड़ से,  बल्कि दोष, लज्जा,  चिंता,  शैतान के झूठ,  अंधविश्वास,  झूठी शिक्षा और अनन्त मृत्यु से भी स्वतंत्रता का अनुभव करते हैं l अब बंधक न होकर, हमारे पास दुश्मनों को प्यार दिखाने,  दयालुता में चलने,  आशा के साथ जीने और अपने पड़ोसियों से प्यार करने की स्वतंत्रता है l जब हम पवित्र आत्मा की अगुवाई का अनुसरण करते हैं,  तो हम क्षमा कर सकते हैं जैसे हमें क्षमा किया गया है l

इन सब के लिए,  आज परमेश्वर को धन्यवाद दें l तो आइये प्यार करें कि दूसरों को भी उसकी स्वतंत्रता की सामर्थ्य का पता चल जाएगा l