सूर्य काफी देर पहले अस्त हो चूका था जब अचानक हमारी बिजली चली गयी थी l मैं अपने दो छोटे बच्चों के साथ घर पर थी, और यह पहली बार था जब वे बिजली कटौती का अनुभव कर रहे थे l यह पुष्टि करने के बाद कि उपयोगिता(utility) कंपनी को कटौती के बारे में पता था, मैंने कुछ मोमबत्तियाँ जलायीं, और बच्चे और मैंने रसोई में टिमटिमाती ज्योत के चारों ओर एक साथ बैठ गए l वे घबराए हुए और अशांत लग रहे थे,  इसलिए हम गाना आरम्भ किये l  जल्द ही उनके चेहरे से घबराहट के भाव मुस्कान में बदल गए l कभी-कभी हमारे अंधेरे क्षणों में हमें एक गीत की आवश्यकता होती है ।

भजन 103 प्रार्थना के तौर पर किया जाता था या उसे गाया गया था जब परमेश्वर के लोग निर्वासन से स्वदेश लौट आए थे जो बर्बादी की अवस्था में था l संकट के क्षण में,  उन्हें गाने की जरूरत थी । लेकिन सिर्फ कोई गीत नहीं,  उन्हें इस बारे में गाने की ज़रूरत थी कि परमेश्वर कौन है और वह क्या करता है । भजन 103 हमें यह याद रखने में भी मदद करता है कि वह दयालु, करुणामय,  धैर्यवान और भरोसेमंद प्रेम से भरा है (पद.8) । और अगर हम विचार करते हैं कि क्या हमारे पाप का न्याय हमारे सिर पर है, तो भजन यह घोषणा करता है कि परमेश्वर क्रोधित नहीं है,  उसने क्षमा कर दिया है,  और उसे दया आती है । ये हमारे जीवन की अंधेरी रातों के दौरान गाने के लिए अच्छी चीजें हैं ।

हो सकता है कि आप अपने आप को ऐसी जगह ही देख रहे हों – अँधेरे और कठिन स्थान में, यह विचार करते हुए कि क्या वास्तव में परमेश्वर भला है, अपने विषय उसके प्रेम पर सवाल करते हुए l अगर ऐसा है,  तो प्रार्थना करें और उसके लिए गाएं जो प्रेम से भरपूर है!