क्या आप जानते हैं कि टर्की पक्षी के समूह को क्या कहा जाता है? इसे शहतीर(rafter) कहा जाता है । मैं टर्की पक्षी के बारे में क्यों लिख रहा हूं? क्योंकि मैं अभी एक पहाड़ी कुटिया/केबिन में सप्ताहांत बिताकर लौटा हूँ । हर दिन, मैं अपने पोर्च/बरामदा के पीछे टर्की पक्षी की पंक्ति को परिक्रमा करते हुए देखकर अचंभित हुआ l

मैंने पहले कभी टर्की पक्षी को ध्यान से नहीं देखा था l उन्होंने असाधारण चंगुल से धरती को उग्रतापूर्वक खुरचा l फिर उन्होंने भोजन की खोज कर धरती पर चुगना शुरू किया l मुझे लगा जैसे वे कुछ चुग रहे थे l (चूँकि यह मेरा पहला टर्की पक्षी-अवलोकन का समय था, इसलिए मैं 100 प्रतिशत सकारात्मक नहीं था ।) इस क्षेत्र में रगड़/खुरचने के सूखे निशान इस तरह से नहीं दिखते थे कि वहां कुछ हो l फिर भी यहाँ ये एक दर्जन टर्की पक्षी थे, जो बहुत आकर्षक और मोटे दिखाई दे रहे थे l

उन तंदुरुस्त टर्की पक्षियों को देखकर मैंने मत्ती 6:26 में यीशु के शब्दों को याद किया : “आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और खत्तों में बटोरते हैं; फिर भी तुम्हारा स्वर्गीय पिता उनको खिलाता है l क्या तुम उनसे अधिक मूल्य नहीं रखते?” यीशु प्रगट रूप से मूल्यहीन पक्षियों के लिए परमेश्वर के प्रबंध का उपयोग याद करते हुए हमारे लिए उसकी देखभाल की ताकीद देता है l अगर एक पक्षी का जीवन मायने रखता है, तो हमारा कितना अधिक है? इसके बाद यीशु हमारी दैनिक जरूरतों (पद.27-31) के विषय चिंता नहीं करने के जीवन के विषय तुलना करता है, जिसमें हम “पहले . . . परमेश्वर के राज्य और उसके धर्म की खोज [करते हैं]” (पद.33), जिसमें हम अपनी जरूरतों के लिए उसके समृद्ध प्रावधान के प्रति आश्वस्त हैं l क्योंकि अगर परमेश्वर जंगली टर्की पक्षियों के बेड़े की चिंता करता है, तो निश्चय ही वह आपकी और मेरी देखभाल करेगा l