जब उनके बैंक ने गलती से 90 लाख रूपये उनके खाते में जमा कर दिए, तो एक दंपति खरीददारी की मौज-मस्ती में चला गया । उन्होंने कर्ज चुकाने के अलावा एक लग्जरी कार, नया घर और दो अन्य चार पहिया वाहन खरीदे । जमा त्रुटि का पता चलने पर, बैंक ने दंपति को पैसे लौटाने के लिए कहा । दुर्भाग्य से, पति और पत्नी ने पहले ही इसे खर्च कर दिया था । उन पर तब आपराधिक कार्य करने का आरोप लगाया गया । जब दंपति स्थानीय अदालत में पहुंचे तो पति ने एक रिपोर्टर से कहा, “हमने कुछ खराब कानूनी सलाह ली।” दोनों ने सीखा कि बुरी सलाह का पालन करना (और जो कुछ उनका नहीं था उसको खर्च करना) उनके जीवन को गड़बड़ कर सकता था l
इसके विपरीत, भजनहार ने बुद्धिमान सलाह साझा की जो हमें जीवन में गड़बड़ी से बचने में मदद कर सकती है । उसने लिखा है कि जो लोग वास्तविक तृप्ति पाते हैं – जो “धन्य हैं” – वे परमेश्वर की सेवा नहीं करनेवालों की सलाह से प्रभावित होने से इंकार करते हैं (भजन 1:1) l वे जानते हैं कि मूर्ख, अनुचित तरीके से परामर्श देने से अनदेखे खतरे और महंगा परिणाम हो सकता है । इसके अलावा, वे वचन के अनंत और स्थिर सच्चाइयों (पद.2) (से प्रसन्न) रहने के द्वारा प्रेरित होंते हैं और उसपर (ध्यान) करने में तल्लीन रहते हैं l उन्होंने पाया है कि परमेश्वर का मार्गदर्शन स्थायित्व और फलदायी होने की ओर ले जाता है (पद.3) l
जब हम अपने आजीविका(careers), धन, रिश्तों, और बहुत कुछ के बारे में बड़ा या छोटा निर्णय, करते हैं, तो हम बाइबल में पायी जानेवाली बुद्धिमत्ता, ईश्वरीय परामर्श और पवित्र आत्मा की अगुवाई ढूँढ़ें l तृप्त जीवन हो और जहां गड़बड़ियाँ न हो उसके लिए उसका मार्गदर्शन अनिवार्य और भरोसेमंद है l
आप क्यों मानते हैं कि पवित्रशास्त्र ईश्वरीय निर्णय लेने के लिए आवश्यक है? आपके परामर्शदाता कौन हैं जो आपको बुद्धिमानी से सलाह देते हैं? उन पर भरोसा क्यों किया जा सकता है?
प्रेमी परमेश्वर, , मैं उन चीजों के बारे में आपकी सलाह लेने से पूर्व, जिन्हें मैं नहीं जानता- कहां रहना है, किससे विवाह करना है, किस करियर/आजीविका का पीछा करना है - मुझे उन क्षेत्रों में आज्ञाकारिता का अभ्यास करने में मदद करें जिन्हें मैं जानता हूँ, जिसमें आपको और दूसरों को प्यार करना शामिल है l