जब अलास्का के एक पहाड़ी क्षेत्र में बसने वाले की झोपड़ी में आग लग गई, तो बसने वाला अमेरिका के सबसे ठंडे राज्य में पर्याप्त आश्रय के बिना और कुछ प्रावधानों के साथ ही रह गया l तीन हफ्ते बाद, उस आदमी को आखिरकार बचा लिया गया जब एक विमान ने उड़ान भरी और उस बड़े SOS(संकट सन्देश) को देख लिया जो उसने बर्फ पर लिखकर उसे कालिख से काला कर दिया था l
भजनकार दाऊद निश्चय ही भयानक कठिनाई में था l वह ईर्ष्यालु राजा शाऊल द्वारा पीछा किया जा रहा था जो उसे मारना चाहता था l और इसलिए वह गत नगर भाग गया, जहाँ उसने अपने जीवन को बचाने के लिए पागल होने का नाटक किया (देखें 1 शमूएल 21) l उन घटनाओं में से भजन 34 का उदय हुआ, जहाँ दाऊद ने परमेश्वर से प्रार्थना की और शांति को प्राप्त किया (पद.4,6) l परमेश्वर ने उसकी विनती सुनी और उसको छुड़ाया l
क्या आप निराशजनक स्थिति में हैं और मदद के लिए पुकार रहे हैं? आश्वस्त रहें कि परमेश्वर आज भी हमारी निराशजनक प्रार्थनाओं को सुनता है और उनका जवाब देता है l जैसे दाऊद के साथ, वह हमारे संकट के पुकार के प्रति चौकस है और हमारे डर को दूर करता है (पद.4) —और कभी-कभी हमें “हमारे कष्टों से [छुड़ा लेता है]” (पद.6) l
पवित्रशास्त्र हमें “अपना बोझ यहोवा पर डाल” देने के लिए आमंत्रित करता है और “वह [हमें] संभालेगा” (भजन 55:22) l जब हम अपनी कठिन परिस्थितियों को परमेश्वर को दे देते हैं, तो हम विश्वास कर सकते हैं कि वह हमें ज़रूर सहायता देगा l हम उसके सक्षम हाथों में सुरक्षित हैं l
आपने परमेश्वर को पुकारने के बाद शांति कब महसूस की है? कब उसने आपको एक निराशजनक स्थिति से बचाया है?
प्रेमी पिता, मेरी प्रार्थनाओं को सुनने, आराम और शांति देने के लिए धन्यवाद – जिसकी भी मुझे सबसे अधिक ज़रूरत है l और मेरे पाप से मुझे बचाने के लिए विशेष रूप से धन्यवाद l